Hindi, asked by samipchhetri6475, 1 year ago

परिवेश और संगीत चारित्रिक विकास में बाघक है

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Answered by raina24
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बालक ईश्वर की सर्वोत्तम कृति है। उसके विकास के लिए घर में माता-पिता, विद्यालय में शिक्षक और समाज की हर इकाई, बालसेवी संस्थाएँ एवं प्रेरक साहित्य की संयुक्त भूमिका है। इनमें से एक की भी भूमिका विघटित होती है तो बालक का सामाजिक दृष्टि से विकास अवरुद्ध हो जाता है और व्यक्तित्व कुंठित। 

हर बालक अनगढ़ पत्थर की तरह है जिसमें सुन्दर मूर्ति छिपी है, जिसे शिल्पी की आँख देख पाती है। वह उसे तराश कर सुन्दर मूर्ति में बदल सकता है। क्योंकि मूर्ति पहले से ही पत्थर में मौजूद होती है शिल्पी तो बस उस फालतू पत्थर को जिससे मूर्ति ढकी होती है, एक तरफ कर देता है और सुन्दर मूर्ति प्रकट हो जाती है। माता-पिता, शिक्षक और समाज बालक को इसी प्रकार सँवार कर खूबसूरत व्यक्तित्व प्रदान करते हैं।
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