Biology, asked by mohdrijwan443, 9 months ago

परिवर्तित कर सकते हैं।
अभ्यास
1. जैव क्षमता की परिभाषा दें और इसका महत्व बताएं?
2. सामान्य नि:श्वसन के उपरांत फेफडों में शेष वायु के आय
3. गैसों का विसरण केवल कूपकीय क्षेत्र में होता है, श्वसन
नही। क्यों?
4.co, के परिवहन (ट्रांसपोर्ट) की मुख्य क्रियाविधि क्या
5 कपिका वाय की तुलना में वायुमंडलीय वायु में po, तथा​

Answers

Answered by anjalisingh159
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Answer:

1.उत्तर:

यह वायु का वह अधिकतम आयतन है, जिसे व्यक्ति एक बार में नि:श्वसन के दौरान ग्रहण और निःश्वसन के दौरान त्याग सकता है। यह नर में 4,500 मिली. तथा मादा में 3,000 मिली. के बराबर होता है। महत्व-चिकित्सकों के द्वारा फेफड़ों की जैव क्षमता के आधार पर फेफड़ों में असामान्यता या बीमारी का पता लगाया जाता है।

2.उत्तर:

सामान्य निःश्वसन के उपरांत फेफड़ों में शेष वायु लगभग 2200 मिली. होती है।

3.उत्तर:

फेफड़ों में उपस्थित कूपिकाएँ श्वसन के समय गैसों के आदान-प्रदान हेतु एक विस्तृत सतह प्रदान करती है।

4. उत्तर:

कार्बन डाइ-ऑक्साइड का परिवहन (Transportation of CO2 )

जब कोशिका के अन्दर भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है तो CO2 बनती है जो अधिक मात्रा में हमारे शरीर के लिए हानिकारक है। इस कारण इसे शरीर से बाहर निकाला जाता है। कोशिकाओं में ही बनने के कारण इसमें इसकी सान्द्रता अधिक हो जाती है लेकिन रुधिर में कम होती है। इस कारण यह कोशिका से विसरण द्वारा ऊतक द्रव और ऊतक द्रव से कोशिका से रुधिर में आ जाती है। अब यह रुधिर इसे कूपिकाओं की सतह तक निम्नलिखित तीन रूपों में ले जाता है –

(1) प्लाज्मा में घुलकर (Dissolved in Plasma):

वैसे तो CO2 प्लाज्मा में O2 की अपेक्षा 20 गुना अधिक घुलनशील होती है। फिर भी प्लाज्मा के द्वारा सम्पूर्ण CO2 के केवल 7% भाग (0.3 मिली प्रति 100 मिली रक्त) का ही परिवहन किया जाता है। जब CO2 प्लाज्मा में आती है तो इसके जल से मिलकर कार्बोनिक अम्ल H2CO3 बना देती है और इसी अवस्था में फेफड़े तक लायी जाती है जहाँ पर यह पुनः जल से मुक्त होकर विसरण के द्वारा कूपिका में आती है।

CO2 + H2O ⇌ H2CO3 (कार्बोनिक अम्ल)

(2) कार्बेमिनो यौगिकों के रूप में (As Carbamino Compounds):

कुछ CO2 रुधिर के हीमोग्लोबीन तथा अन्य प्रोटीन से मिलकर कुछ अस्थायी यौगिक बनाती हैं। इन यौगिकों को कार्बेमिनो यौगिक कहते हैं जब ये यौगिक कूपिका की सतह पर पहुँचते हैं तो CO2 को मुक्त कर देते हैं और यह विसरण द्वारा कूपिका में आ जाती है।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 17 श्वसन और गैसों का विनिमय - 3

ऑक्सीकरण में बनी CO2 की लगभग 23% मात्रा का परिवहन इसी प्रकार होता है।

(3) बाईकार्बोनेट्स के रूप में (As bicarbonates):

कार्बन डाइ-ऑक्साइड की शेष 70% मात्रा का संवहन बाईकार्बोनेट्स के रूप में होता है। कार्बन डाइ-ऑक्साइड रुधिर कणिकाओं के सोडियम और पोटैशियम से मिलकर इनके बाईकार्बोनेट्स बनाती है जो श्वसन सतह पर आकर CO, को मुक्त कर देते हैं और यह विसरण के द्वारा कूपिका में पहुँच जाती है। कार्बोनिक ऐनहाइड्रेज प्रकीण्व इस कार्य में मदद करता है।

H2O + CO3 + Na2 CO2 ⇌ 2NaHCO3

(सोडियम बाइकार्बोनेट)

CO2 का परिवहन चाहे किसी भी प्रकार से हो जब यह कूपिका में पहुँचती है तो यह नि:श्वसन के द्वारा वहाँ से बाहर कर दी जाती है।

5.उत्तर:

pCO2 उच्च

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