Hindi, asked by krishkumarpatna52, 1 month ago

परिवर्तन पर कविता सुनाओ​

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Answered by jenny12sunidhi
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Answer:

it is from book hope it will help you

Explanation:

सुना है -- परिवर्तन प्रकृति का नियम है!

मेरी निगाहें घड़ी की हर टिक-टिक पर,

परिवर्तन की गुजारिश करती है,

वह कहती है अब तो बदल जाओ।

ओस ने अपनी बूंदे ,बरसात में बदल ली

सूरज ने अपनी नमी ,आग में बदल ली

मेरे पड़ोसी ने भी, एक नई घड़ी खरीद ली

अब तो बदल जाओ

अगर यही तुम्हारा नियम है।

तभी एक आवाज मुझे सुनाई दी,

शायद बाहर से आ रही थी।

मैंने ध्यान से सुना ,तो वह मुझे ही बुला रही थी,

कहती है- हां ! परिवर्तन प्रकृति का नियम है!

परिवर्तन एक संगम है,

आस्था है ,दूर तक जाने का रास्ता है,

तेरी हर घड़ी किए कर्म की व्याख्या है,

यूं ही मत बैठा कर ,जिया कर,

हर रोज कुछ मील चला कर,

मन की व्यथा को भुलाकर ,

रास्ते की कंकण पत्थरों को हटाकर,

मुस्कुरा कर कर्म किया कर,

क्योंकि कर्म ही तेरी प्रगति है,

प्रगति ही परिवर्तन है,

और परिवर्तन प्रकृति का नियम है।।

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