पर्वत जैसे बीधा उठाता
अलिंग अठा संदेशा सनाता
शीना उठाकर बढे चली
नन्हे नन्हे कदम बटाकर
friends please tell the meaning pls pls pls pls
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Answer:
the question is not proper
Answer:
तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया
यूँ नहीं है कि फ़क़त मैं ही उसे चाहता हूँ
जो भी उस पेड़ की छाँव में गया बैठ गया
इतना मीठा था वो ग़ुस्से भरा लहजा मत पूछ
उस ने जिस को भी जाने का कहा बैठ गया
उस की मर्ज़ी वो जिसे पास बिठा ले अपने
इस पे क्या लड़ना फ़लाँ मेरी जगह बैठ गया
अपना लड़ना भी मोहब्बत है तुम्हें इल्म नहीं
चीख़ती तुम रही और मेरा गला बैठ गया
बात दरियाओं की सूरज की न तेरी है यहाँ
दो क़दम जो भी मिरे साथ चला बैठ गया
बज़्म-ए-जानाँ में नशिस्तें नहीं होतीं मख़्सूस
जो भी इक बार जहाँ बैठ गया बैठ गया
Explanation:
What has sat in your silence
Gave you so many voices that the throat was set
It is not like I only want that
Whoever went to the shade of that tree sat
It was so sweet, don't ask that angry tone
Whoever he told to sit down
The one who wishes to be held close
What a fight that sat in my place
You don't even love to fight
You scream and my throat ached
The matter is not yours for the sun
Two steps
Bazm-e-Janan does not contain drugs
Whoever sat where once sat
THANK YOU !