पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा का वर्णन अपने शब्दो में करे।
Answers
Answered by
9
Answer:
पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा
Explanation:
ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर
मंदिर था विस्तीर्ण विशाल
स्वर्ण-कलश सरसिज विहसित थे
पाकर समुदित रवि-कर जाल।
Answered by
4
पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा का वर्णन अपने शब्दो में निम्न प्रकार से किया गया है।
ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर
मंदिर था विस्तीर्ण विशाल
स्वर्ण-कलश सरसिज विहसित थे
पाकर समुदित रवि-कर जाल।
- " एक फूल की चाह " कविता में कवि गुप्त जी ने मंदिर की अनुपम शोभा का वर्णन किया है।
- पर्वत की चोटी पर माता का विशाल मंदिर स्थापित था।
- चारों ओर हरे भरे पेड़ थे, पेड़ो के बीच मंदिर था।
- मंदिर के विशाल आंगन में कमल के फूलों पर सूर्य की किरणे पड़ रही थी , उन किरणों के प्रकाश से ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सोने के कलश चमक रहे हो। वे मंदिर की शोभा बढ़ा रहे थे।
- मंदिर का आंगन दीपों व धूप की खुशबू से महक रहा था व ऐसा लग रहा था जैसे कोई उत्सव हो।
Similar questions