पर्वत प्रदेश में पावस कविता के आधार पर प्रकृति सौंदर्य का वर्णन 100 से 150 शब्दों में लिखें। *
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पावस ऋतु में प्रकृति क्षण-क्षण परिवर्तन होती रहती है। कभी तेज़ बारिश तो कभी अंधकारमय वातावरण हो जाता है। झरने निर्विरोध गति से बहते हैं। बादल बनते हैं, बिगड़ते हैं और कभी सूर्य निकल आता है तो पावस में सूर्य की रोशनी से इन्द्रधनुष बन जाता है। अत: पावस ऋतु में प्रकृति का बहुत ही मनोहारी दृश्य होता है।
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