Hindi, asked by Guransh3799, 11 months ago

'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता का प्रतिपाध्य लिखिए I

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Answered by Anonymous
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यह एक ऐसी कविता है जो कि पर्वत के प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता को प्रस्तुत करती है। पंत जी हमेशा से ही पर्वत को प्रकृति को अपनी मां काली दर्जा देते थे। इसलिए उनकी कविताओं में प्रकृति का सुंदर वर्णन मिलता है।इस कविता को पढ़कर ऐसा महसूस होता है मानो हम अपनी आँखों से ही पर्वतीय प्रदेश के सुंदरता की कल्पना कर पाते हैं। जिन लोगों ने कभी पर्वतीय क्षेत्र में भ्रमण नहीं की है, वह पंत जी की कविता से सौन्दर्य की अनुभूति ले सकता है।इस कविता में पंत जी ने पर्वतीय क्षेत्र का वर्णन करते हुए कहा है कि यहाँ का सौन्दर्य अद्भुत है। यहां कि प्रकृति हर समय अपना रूप बदलती है। ऊंची पहाड़, जलाशय, तने हुए पेड़, पहाड़ों से कल-कल करते झरने, आकाश में छाए बादल आदि रूपों में प्रकृति अपनी मनोरम छवि दिखा रही है। कवि प्रकृति के सौन्दर्य का वर्णन करते हैं और अपनी लेखनी के माध्यम से पाठक को बांधे रखते हैं। हिन्दी में पावस का अर्थ होता वर्षाकाल। शीर्षक का आशय भी यही है कि पर्वतों में वर्षाकाल का समय।

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