पर्वत प्रदेश में पावस Please give a small summary
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पर्वत प्रदेश में पावस भावार्थ : सुमित्रानंदन पंत की कविता “पर्वत प्रदेश में पावस” की प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ऊँचे पर्वत के ऊपर उगे हुए वृक्षों का वर्णन कर रहा है। जिन्हें देखकर कवि को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह पेड़ पर्वत के हृदय से उगे हैं और सदैव ऊपर उठने की कामना से एकटक ऊपर आकाश की ओर ही देख रहे हैं।
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hii
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