पर्वतीय प्रदेश की यात्रा पर अनुच्छेद
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पर्यटन का अपना अनूठा आनन्द होता है। फिर यदि यह पर्यटन पर्वतीय प्रदेश का हो, तो फिर कहने ही क्या। पर्वतीय प्रदेश की यात्रा अत्यन्त रोमांचक तथा उल्लासमयी होती है। इसके अनुभव स्मृति पटल पर स्थायी रूप से अंकित हो जाते हैं। गत वर्ष दशहरे के अवकाश में मेरे पिताजी ने वैष्णो देवी जाने का कार्यक्रम बनाया।
वैष्णो देवी तक जाने के लिए रेल द्वारा जम्मू तक पहुँचा जा सकता है। मेरे पिताजी ने जम्मू तवी एक्सप्रैस के चार टिकट पहले से ही आरक्षित करा लिए थे। इस यात्रा के लिए मेरे माता जी ने रास्ते के लिए खाना बनाया, आवश्यक कपड़े आदि रखे और निश्चित तिथि पर हमने जम्मू तवी द्वारा जम्मू के लिए प्रस्थान किया। मेरे माता पिता, मैं तथा मेरी छोटी बहन एक टैक्सी द्वारा रेलवे स्टेशन पर पहुँचे। स्टेशन पर काफी भीड़ भाड़ थी। वैष्णो देवी जाने वालों के लिए दशहरा अवकाश अच्छा समय है। हमने अपनी टिकटें पहले से ही आरक्षित करा रखीं थी। अत हमें भीड़ भाड़ से चिंतित होने की आवश्यकता नहीं थी। पिताजी ने आरक्षित डिब्बा ढूँढ़ लिया। हमनें गाड़ी में प्रवेश किया और अपनी सीटों पर बैठ गए। निश्चित समय पर गाड़ी ने प्रस्थान किया। थोड़ी देर में गाड़ी ने गति पकड़ी और दिल्ली नगर की सीमा को पार करती हुई हरियाणा प्रदेश में पहुँची।हमने देखा कि हरे भरे खेतों में पशु चर रहे हैं तथा किसान उनमें काम कर रहे हैं। थोड़ी ही देर में हमारी गाड़ी सोनीपत पहुँची। हमने यहाँ के औद्योगिक केन्द्रों को गाड़ी में बैठे बैठे देखा। मुझे भूख लगी थी। अत मैंने पिता जी से कहा। हम सबने खाना खाया। गाड़ी में खाना खाने का आनन्द ही कुछ और होता है। खाना खाकर मैं और मेरी बहन अपनी सीटों पर लेट गए। हमें पता नहीं कि हमें कब नींद आ गई। पिताजी ने जब हमें जगाया, तो जम्मू तवी स्टेशन आने वाला था। हमने खिड़की से झाँककर देखा, तो चारों ओर प्राकृतिक सुषमा बिखरी पड़ी थी। पर्वतमालाओं को देखकर मन प्रसन्न हो गया।
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- पर्वतीय स्थल होने के कारण शिमला का मौसम सभी ऋतुओं मे बहुत सुहावना होता है। शीत ऋतु होने के कारण , मेरी यात्रा के दोरान शिमला बर्फ से ढका हुआ था। तापमान बहुत कम था ऐसे मे भ्रमण करना बहुत रोमांचक था। यहाँ के पर्वतो पर पहुँच कर मुझे ऐसा लगा जेसे कि मैं प्रकृति की गोद मे आ गया हूँ।