पर्यावर्ड का महत्व संवाद लेखन आद्यापाक और छात्र के बीच
Answers
Explanation:
शिक्षक : संचित क्या तुम बता सकते हो कि ये जो पर्यावरण में धुंध है यह क्या है?
संचित : जी मास्टर जी । यह सर्दी के कारण धुंध है ।
शिक्षक : संचित, यह सिर्फ सर्दी के कारण ही नहीं बल्कि प्रदूषण के कारण भी है ।
तुमने कई बार लोगों को कहते सुना होगा कि इस मौसम में बिना ठण्ड लगे भी उन्हें साँस लेने में तकलीफ, खांसी, छींकें आदि की दिक्कत होती है तो वह धुंध से नहीं बल्कि धुंध में मिले प्रदुषण के कारण होता है, क्योंकि प्रदूषण के कण धुंध में ही ठहर जाते हैं।
संचित : मास्टर जी हमारे तो चारो और ही प्रदूषण है । नल के पानी में प्रदूषण, सड़कों पर निकलो तो सड़कों पर प्रदूषण, पार्क में खेलने जाओ तो वहाँ प्रदुषण, कहीं आवाज का प्रदूषण, नदी-नालों में प्रदुषण । कोई जगह ऐसी नहीं बची जहाँ प्रदूषण ना हो ।
शिक्षक : हाँ बेटा, यह तो तुमने ध्यान दिया, लेकिन कभी सोचा कि कौन करता है यह प्रदूषण ?
संचित : नहीं मास्टर जी, कभी ध्यान तो नहीं दिया पर अब लग रहा है कि आखिर हम ही तो जिम्मेदार हैं इस प्रदूषण के ।
शिक्षक : तो अब तुम क्या करोगे ?
संचित : सबसे पहले तो मैं अपने स्तर पर ही कोशिश करूँगा कि प्रदूषण करने से बचूँ और साथ ही अपने साथियों को भी समझूंगा कि किस प्रकार से हम अपने आस-पास की जगहों को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं