पर्यावरण असंतुलित का परिणाम साहिब क्लब के लिए सही
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हमें एक पेड़ काटने के बदले कम से कम 10 पौधों को लगाना चाहिए। तेजी से बढ़ रही जनसंख्या व उसी गति से कट रहे हरे पेड़ों के कारण आक्सीजन की मांग व आपूर्ति में बेहिसाब असंतुलन उत्पन्न हो रहा है। बढ़ती आबादी को मौजूदा समय में जितनी आक्सीजन की जरुरत है उतना भरपाई नही हो पा रही है। मानव द्वारा उत्सर्जित सीओटू से असंतुलन लगातार बढ़ता जा रहा है। यह मानव जगत के लिए शुभ संकेत नहीं है। प्राकृतिक असंतुलन से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ रहा है। यदि समय रहते हम सभी नहीं चेते तो आने वाले दिनों में संकट उत्पन्न हो सकता है। पर्यावरण प्रदूषण का असर तो साफ दिखने भी लगा है। बेहिसाब गर्मी, बेहिसाब ठंड यह सब दूषित हो रहे पर्यावरण का ही असर है। बरसात के समय बारिश का न होना। मौसम के परिवर्तन में देरी। असमय मौसम परिवर्तन सब कुछ दूषित होते पर्यावरण का ही परिणाम है। प्रकृति के दिए उपहार के साथ छेड़छाड़ बंद कर हर व्यक्ति को पौधरोपण करना चाहिए। पेड़-पौधे जीवदायिनी हैं। इनके पोषण से प्राणवायु को बढ़ावा मिलेगा। प्रकृति मानव को मुफ्त में आक्सीजन देकर हर पल जीवन को संवारती हैं। उत्सर्जित हो रहे कार्बनडाईआक्साइड को अवशोषित कर बदले में पेड़-पौधे मानव के लिए उपयोगी आक्सीजन देते है, लेकिन हम प्रकृति के इस उपहार के बदले अपने योगदान को भूलते जा रहे हैं। शनिवार को ब्राजील के रियो डि जेनेरियों में शुरू हुए 31 वें ओलंपिक खेल के उद्घाटन सत्र में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्लोबल वार्मिंग की ¨चता जताते हुए विश्व भर में पौधरोपण का आह्वान किया गया। कहा गया कि ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से बचाने के लिए किए जा रहे अन्य उपाय पर्याप्त नहीं है। नारा दिया गया पौधे लगाइए, दुनिया बचाइए। बता दें कि दैनिक जागरण आमजन को जागरूक करने लिए काफी पहले से ही पौधरोपण के लिए जनजागरण अभियान संचालित कर रहा है और मिशन एक करोड़ के तहत पौधरोपण के लिए प्रेरित कर रहा है। आमजन से मिल रहे समर्थन व आगे आए लोगों के उत्साह से निश्चित ही जागरण का यह कारवां अपने मुकाम से आगे जाएगा।
डा. विजय शंकर ¨सह, शल्य चिकित्सक, नौकाटोला, अंबेडकर नगर, पडरौना।