पर्यावरण के बिगड़ने से आगामी भविष्य में और कैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं
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पर्यावरण के बिगड़ने से आगामी भविष्य में और कैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं
पर्यावरण के बिगड़ने से आगामी भविष्य में हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा| पर्यावरण के संतुलन बिगड़ने से समय पर न बारिश होगी न तो गर्मी पड़ेगी सब कुछ बदल जाएगा | मनुष्य पानी ते लिए तरस जाएगा| गर्मी के कारण पागल हो जाएगा|
मनुष्य का जीवन व्यतीत करना मुश्किल हो जाएगा| वायु प्रदूषण इतना बढ़ जाएगा की मनुष्य साँस तक नहीं ले पाएगा और ऐसे ही दुनिया नष्ट होती जाएगी| पानी के स्त्रोत खत्म हो जाएँगे और मनुष्य प्यार के लिए तरस जाएगा| शहरों में पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति बढ़ती ही जा रही है , और लोग अपने लाभ के लिए पर्यावरण के साथ गलत कर रहे है | आए दिन पेड़ो को काट रहे है और प्रदूषण फैला रहे है |
प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है | प्रदूषण मनुष्य से लेकर जानवरों और पक्षियों सब के लिए हानिकारक है | प्रदूषण के कारण पर्यावरण में धुंध, धुआं, विविक्त, ठोस पदार्थों के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक बीमारी बढ़ती जाएगी|
प्राकृतिक प्रदूषण भी जैसे पराग-कण, धूल, मिट्टी के कण, प्राकृतिक गैसों आदि वायु प्रदूषण के स्त्रोत है। प्रदूषण से बीमारियों के बढ़ने के कारण मनुष्य की मृत्यु दर में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है। प्रदूषित हवा जिसमें हम प्रत्येक क्षण सांस लेते हैं फेंफड़ों के विकारों और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर की भी कारक है, इस प्रकार यह स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य शारीरिक अंगों को भी प्रभावित करती है। प्रदूषण के लिए हम मानव ही जिम्मेदार है |अपने लाभ के लिए हम यह प्रदूषण फैला रहे है | आज सब के पास गाड़ियाँ उसका धुआं खतरनाक होता है | पटाखों के कारण |
हमें प्रदूषण को रोकना होगा , जितना कम प्रदूषण होगा उतना ही पशु पक्षी अच्छी साँस ले सकेंगे | पेड़ भी नहीं काटने चाहिए , क्योंकि पेड़ इनके रहने का और खाने का साधन है|