पर्यावरण का संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है, किंतु लोगों द्वारा इसे भूलने के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण में परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं । "साना- साना हाथ जोड़ी" पाठ के आधार पर चर्चा कीजिए।
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पर्यावरण का संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है, किंतु लोगों द्वारा इसे भूलने के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण में परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं । "साना- साना हाथ जोड़ी" पाठ के आधार पर चर्चा कीजिए।
पर्यावरण का संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है, किंतु लोगों द्वारा इसे भूलने के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण में परिवर्तन दिखाई दे रहे है | आज के समय में मनुष्य बहुत बादल गया है |
मनुष्य अपने आप से प्यार करता है | वह अपने लाभ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है | वह पर्यावरण को आए दिन दूषित कर रहा है | मनुष्य अपने लाभ के लिए पर्यावरण के संतुलन की बिगाड़ रहा है | मनुष्य ने अपने लाभ के लिए प्रकृति को दूषित कर दिया है |
प्रकृति के संतुलन से साथ खिलवाड़ कर रहा है | पेड़ो को काट रहा है , प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है | हर तरफ़ कूड़ा-कर्कट डाल रहा है | पानी का दुरुपयोग कर रहा है | पर्यावरण असंतुलन के खतरे के कारण बहुत सारे पक्षियों की जातियां खत्म होती जा रही है | पर्यावरण असंतुलन के खतरे के कारण बहुत सारे पक्षियों की जातियां खत्म होती जा रही है |
नदियों को दूषित कर रहा है | अपनी फैक्ट्रियों से निकला हुआ मलवे को पानी में डाल देते है | पानी के स्त्रोतों को गंदा किए जा रहे है |