। पर्यावरण क्षरण के चार कारणों पर प्रकाश डालिए।
Throw light on four causes of environmental degradati
(अथवा)
(OR)
गुटनिरपेक्षता का क्या अर्थ है ? इसके तीन प्रमुख तत्त्व लिखिए।
What is meaning of Non-alignment ? Write its three key
Answers
Answer:
♣️वनों का हृास और पर्यावरण क्षरण
वन राष्ट्र की अमूल्य संपत्ति होते हैं। वनों से ही काष्ठ उद्योग व अन्य कई उद्योगों को कच्चा माल मिलता है। साथ ही आवास, अच्छी मिट्टी, जलावन के लिए लकड़ी आदि भी वनों के कारण ही उपलब्ध हो पाता है। मिट्टी संरक्षण व वर्षण में भी वन उपयोगी है। आज का मानव अपने-अपने विकास के लिए वनों के पर्यावरणीय व जैविक महत्व को अनदेखा कर रहा है। अतः निरंतर वन क्षेत्र को घटाता जा रहा है।
♣️कृषि विकास और पर्यावरण क्षरण
कृषि में आए तकनीकी विकास तथा कृषि क्षेत्र में बढ़ोतरी के कारण अब खाद्यान्न समस्या उतनी गंभीर नहीं रही। खाद्यानों की बढ़ती मांग अधिक उत्पादन द्वारा पूरी कर दी गई पर यह सब पर्यावरण की बलि देने पर ही संभव हो सका है। इसके तीन मुख्य बिन्दु हैः
♣️रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग द्वारा
सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि द्वारा
जैविक समुदाओं में परिवर्तन लाकर
जनसंख्या वृद्धि और पर्यावरण क्षरण
जनसंख्या में हुई अभूतपूर्व वृद्धि के कारण पृथ्वी पर हर उस गतिविधि में तेजी आई है जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। जनसंख्या में वृद्धि के कारण ही शहरों का विस्तार हो रहा है, नगरों में वृद्धि हो रही है, कृषि पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अंततः इसके कारण जैविक संतुलन नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहा है।
♣️औद्योगिक विकास एवं पर्यावरण क्षरण
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई प्रगति के कारण मानव की आर्थिक व औद्योगिक गतिविधियां बहुत अधिक बढ़ गईं, साथ ही समृद्धि भी। पर दूसरी ओर औद्योगिक विकास के कारण औद्योगिक कचरे, प्रदूषित पानी, जहरीली गैस, धुआं, राख जैसी समस्याएं भी पैदा हुईं। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में उपरोक्त सभी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
♣️नगरीकरण एवं पर्यावरण क्षरण
नगरीकरण की प्रवृत्ति के कारण लगातार प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। साथ ही वनों व कृषि योग्य जमीन में भी कमी आती जा रही है। नगरीकरण के कारण विकसित एवं विकासशील दोनों तरह के देशों के पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है।
♣️आधुनिक उत्पादन तकनीक एवं पर्यावरण क्षरण
अगर वर्तमान पर्यावरण संकट को आधुनिक उत्पादन तकनीक का ही परिणाम कहा जाय तो कोई गलत बात नहीं होगी। रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के प्रयोग ने जल एवं जमीन दोनों को प्रदूषित किया है। इससे मिट्टी की भौतिक-रासायनिक संरचना एवं तत्वों में कमी हुई है तथा विषैले तत्वों में वृद्धि हुई है।