Hindi, asked by aryavats189, 4 months ago

पर्यावरण प्रदूषण
के कारण
प्रस्तावना - पर्यावरण प्रदूषण से तात्पर्य पर्यावरण
प्रदूषण
पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार प्रदूषण रोकथाम के उपाय - उपसंहार​

Answers

Answered by khushi565148
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Answer:

सभी जीव अपनी वृद्धि एवं विकास तथा अपने जीवन चक्र को चलाने के लिए संतुलित पर्यावरण पर निर्भर करते हैं | संतुलित पर्यावरण से तात्पर्य एक ऐसे पर्यावरण से है, जिसमें प्रत्येक घटक एक निश्चित मात्रा एवं अनुपात में उपस्थित होता है | परंतु कभी-कभी मानवीय या अन्य कारणों से पर्यावरण में एक अथवा अनेक घटकों की मात्रा या तो आवश्यकता से बहुत अधिक बढ़ जाती है अथवा पर्यावरण में हानिकारक घटकों का प्रवेश हो जाता है। इस स्थिति में पर्यावरण दूषित हो जाता है तथा जीव समुदाय के लिए किसी न किसी रूप में हानिकारक सिद्ध होता है। पर्यावरण में इस अनचाहे परिवर्तन को ही ‘पर्यावरणीय प्रदूषण’ कहते हैं।

पर्यावरणीय घटकों के आधार पर पर्यावरणीय प्रदूषण को भी मृदा, वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण आदि में बाँटा जाता है -

मृदा प्रदूषण

मृदा के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में कोई ऐसा अवांछनीय परिवर्तन जिसका प्रभाव मानव पोषण तथा फसल उत्पादन व उत्पादकता पर पड़े और जिससे मृदा की गुणवत्ता तथा उपयोगिता नष्ट हो, 'मृदा प्रदूषण' कहलाता है। कैडमियम, क्रोमियम, तांबा, कीटनाशक पदार्थ, रासायनिक उर्वरक, खरपतवारनाशी पदार्थ, विषैली गैसें आदि प्रमुख मृदा प्रदूषक हैं |

घरेलू कूड़े-कचरे का जल में बहाया जाना अथवा फेंका जाना

वाहित मल

दोषपूर्ण कृषि पद्धतियों के कारण मृदाक्षरण

उर्वरकों के उपयोग में निरन्तर वृद्धि

उद्योगों आदि द्वारा भारी मात्रा मे अपशिष्ट पदार्थ जल स्रोतों यथा नदियों एवं जलाशयों में बहाया जाना

समुद्र के किनारे स्थित तेल के कुएं में लीकेज हो जाने से होने वाला तेल प्रदूषण

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