पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के निम्नलिखित उपाय बताइए
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➤ कम शोर वाले मशीन उपकरणों के निर्माण एवं उपयोग पर जोर देना चाहिए एवं उद्योगों को शहरों या आबादी वाले स्थान से दूर स्थापित करना चाहिए।
➤ परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए।
➤ हमें सिंगल यूज़ प्लास्टिक एवं अन्य प्लास्टिक के उपयोग को रोकना चाहिए एवं पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए।
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पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के निम्नलिखित उपाय
पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण करना अब बहुत की अधिक आवश्यक हो गया है जिसके लिए अब वैश्विक स्तर पर भी कदम उठाये जा रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सर्वप्रथम जनसँख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना आवश्यक है क्योंकि जितनी अधिक जनसँख्या होगी मानव आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए उतनी ही अधिक प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग होगा। साथ ही वनों के कटाई पर रोक लगाते हुए वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना चाहिए। आम जनमानस को भी अपने तुच्छ से लाभ के लिए प्राकृति के महत्त्व को नजरअंदाज करते हुए कोई कार्य नहीं करना चाहिए। पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित बिन्दु महत्पूर्ण हैं :
➤ वनों की कटाई रोकना चाहिए एवं वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना चाहिए साथ ही वृक्षों की संख्या अधिक होने से होने वाले लाभ के विषय में लोगों को जागरूक करना चाहिए।
➤ खाद्य उत्पादन में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम करके जैवक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
➤ बढ़ती मानव जनसँख्या के नियंत्रण के लिए प्रयास करना चाहिए।
➤ कारखानों के चिमनियों में फ़िल्टर लगाना चाहिए एवं चिमनियों को अधिक ऊंचाई पर रखना चाहिए।
➤ कारखानों द्वारा निकलने वाले जल को कृत्रिम तालाबों में रासायनिक विधि द्वारा उपचारित करने के उपरांत नदियों में छोड़ना चाहिए।
➤ कम शोर वाले मशीन उपकरणों के निर्माण एवं उपयोग पर जोर देना चाहिए एवं उद्योगों को शहरों या आबादी वाले स्थान से दूर स्थापित करना चाहिए।
➤ परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए।
➤ हमें सिंगल यूज़ प्लास्टिक एवं अन्य प्लास्टिक के उपयोग को रोकना चाहिए एवं पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए।
➤ घरेलू एवं औद्योगिक अपशिष्ट का समुचित निस्तारण करना चाहिए।
➤ नवीकरणीय ऊर्जा के श्रोत के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
➤ वर्षा के जल को संचित करके उसका पुनः उपयोग कर भूमिगत जल को संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए।
भौतिकता के इस दौर में मनुष्य निज स्वार्थ के लिए पर्यावरण की अनदेखी करके सम्पूर्ण जीवधारियों के जीवन को खतरे में झोकता जा रहा है। औद्योगीकरण, शहरीकरण, कल-कारखानों, परमाणु परीक्षणों आदि के कारण आज पूरा पर्यावरण प्रदूषण से ग्रषित है। पर्यावरण की सुरक्षा हम सबकी सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए हमें निःस्वार्थ होकर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को ख़त्म करने के लिए आगे आना होगा। हमें प्रत्येक कार्य करने से पहले पर्यावरण के अनुकूलता का ध्यान रखना होगा। जब पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तभी मनुष्य स्वस्थ्य रहेगा।