Hindi, asked by shashankdubey4, 1 year ago

पर्यावरण प्रदूषण समस्या और समाधान पर निबंध​

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Answered by itspreet29
192

heya buddy

here is your answer....

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प्रदूषण आज की दुनिया की एक गंभीर समस्या है । प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमियों के लिए यह भारी चिंता का विषय बन गया है । इसकी चपेट में मानव-समुदाय ही नहीं, समस्त जीव-समुदाय आ गया है । इसके दुष्प्रभाव चारों ओर दिखाई दे रहे हैं ।प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है-गंदगी । वह गंदगी जो हमारे चारों ओर फैल गई है और जिसकी गिरफ्त में पृथ्वी के सभी निवासी हैं उसे प्रदूषण कहा जाता है ।

प्रदूषण को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण । ये तीनों ही प्रकार के प्रदूषण मानव के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं।वायु और जल प्रकृति-प्रदत्त जीवनदायी वस्तुएँ हैं । जीवों की उत्पत्ति और जीवन को बनाए रखने में इन दोनों वस्तुओं का बहुत बड़ा हाथ है ।

वायु में जहाँ सभी जीवधारी साँस लेते हैं वहीं जल को पीने के काम में लाते हैं । लेकिन ये दोनों ही वस्तुएं आजकल बहुत गंदी हो गई हैं ।वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण इसमें अनेक प्रकार की अशुद्ध गैसों का मिल जाना है । वायु में मानवीय गतिविधियों के कारण कार्बन डायऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसे प्रदूषित तत्व भारी मात्रा में मिलते जा रहे हैं ।

जल में नगरों का कूड़ा-कचरा रासायनिक पदार्थों से युक्त गंदा पानी प्रवाहित किया जाता रहा है । इससे जल के भंडार; जैसे-तालाब, नदियाँ,झीलें और समुद्र का जल निरंतर प्रदूषित हो रहा है ।

hope it helps you mrk me as a brainlist


shashankdubey4: sab same hi toh hai
itspreet29: where
itspreet29: see it again
Answered by dackpower
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भूमंडलीकरण का मिट्टी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह वनों की कटाई का कारण बनता है जो फिर मिट्टी के कटाव की ओर जाता है। अंतिम परिणाम मरुस्थलीकरण है। उदाहरण के लिए मरुस्थलीकरण क्षेत्र के आधार पर विभिन्न कारणों से होता है। इनमें जनसंख्या दबाव, सामाजिक आर्थिक कारक, नीति और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के साथ-साथ भूमि उपयोग के पैटर्न शामिल हैं। वैश्वीकरण से भूमि की उत्पादकता घटती है जिससे गिरावट का सामना करना पड़ता है। चूंकि लोग जंगलों को साफ करते हैं, इसलिए शहरीकरण और कृषि जैसी गतिविधियों के लिए जगह बनाने के लिए, जमीन नंगी छोड़ दी जाती है। मिट्टी को एक साथ रखने के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसी भूमि मिट्टी के कटाव की संभावना है जो अगर बनी रहती है तो मरुस्थलीकरण हो सकती है। कटाव भूमि को पतित बनाता है इसलिए इसे कम उत्पादक बनाता है। खेती की गतिविधियों के लिए मिट्टी कार्बनिक पदार्थों को कम करती है। यह आमतौर पर मिट्टी की खराब संरचना का कारण बनता है, जिससे मिट्टी के क्षरण की संभावना बढ़ जाती है।

इस समस्या से निपटने के लिए, सरकार को वनों की कटाई और पेड़ लगाने के महत्व पर जनता को शिक्षित करने की आवश्यकता है। खनन गतिविधियों को नियंत्रित किया जाना चाहिए ताकि समस्या को बढ़ने से रोका जा सके। लोगों को सबसे अच्छी खेती प्रक्रियाओं पर पढ़ाया जाना चाहिए जो मिट्टी के क्षरण के प्रति संवेदनशील होंगे। क्षरण की समस्या से प्रतिकूल प्रभाव वाले क्षेत्रों में गैबियन भी बनाए जा सकते हैं

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