पर्यावरण पर प्रतिवेदन लिखिए ? Please tell the answer.
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पर्यावरण की स्थिति पर प्रतिवेदन का मुख्य उद्देश्य है भारत में पर्यावरण की वस्तु-स्थिति प्रस्तुत करना जो मौलिक दस्तावेज के रूप में प्रयुक्त हों तथा युक्तिसंगत एवं सूचना आधारित निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया में सहायता करे।
पर्यावरण की स्थिति पर प्रतिवेदन का मुख्य उद्देश्य है भारत में पर्यावरण की वस्तु-स्थिति प्रस्तुत करना जो मौलिक दस्तावेज के रूप में प्रयुक्त हों तथा युक्तिसंगत एवं सूचना आधारित निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया में सहायता करे।पर्यावरण की दशा पर प्रतिवेदन का लक्ष्य आने वाले दशकों में संसाधन के निर्धारण हेतु पर्यावरण की दशा एवं प्रवृत्ति के विश्लेषण पर आधारित नीति-निर्देश उपलब्ध कराना तथा राष्ट्रीय पर्यावरणकारी योजना हेतु दिशा-निर्देश मुहैया कराना है।
पर्यावरण की स्थिति पर प्रतिवेदन का मुख्य उद्देश्य है भारत में पर्यावरण की वस्तु-स्थिति प्रस्तुत करना जो मौलिक दस्तावेज के रूप में प्रयुक्त हों तथा युक्तिसंगत एवं सूचना आधारित निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया में सहायता करे।पर्यावरण की दशा पर प्रतिवेदन का लक्ष्य आने वाले दशकों में संसाधन के निर्धारण हेतु पर्यावरण की दशा एवं प्रवृत्ति के विश्लेषण पर आधारित नीति-निर्देश उपलब्ध कराना तथा राष्ट्रीय पर्यावरणकारी योजना हेतु दिशा-निर्देश मुहैया कराना है।भारत के लिए पर्यावरण स्थिति पर प्रतिवेदन के अंतर्गत पर्यावरण (भूमि, वायु, जल, जैव विविधता) की दशा एवं प्रवृत्तियाँ तथा 5 महत्त्वपूर्ण विषय, अर्थात् जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा एवं शहरीकरण का प्रबंधन शामिल हैं।
पर्यावरण की स्थिति पर प्रतिवेदन का मुख्य उद्देश्य है भारत में पर्यावरण की वस्तु-स्थिति प्रस्तुत करना जो मौलिक दस्तावेज के रूप में प्रयुक्त हों तथा युक्तिसंगत एवं सूचना आधारित निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया में सहायता करे।पर्यावरण की दशा पर प्रतिवेदन का लक्ष्य आने वाले दशकों में संसाधन के निर्धारण हेतु पर्यावरण की दशा एवं प्रवृत्ति के विश्लेषण पर आधारित नीति-निर्देश उपलब्ध कराना तथा राष्ट्रीय पर्यावरणकारी योजना हेतु दिशा-निर्देश मुहैया कराना है।भारत के लिए पर्यावरण स्थिति पर प्रतिवेदन के अंतर्गत पर्यावरण (भूमि, वायु, जल, जैव विविधता) की दशा एवं प्रवृत्तियाँ तथा 5 महत्त्वपूर्ण विषय, अर्थात् जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा एवं शहरीकरण का प्रबंधन शामिल हैं।प्रतिवेदन में पर्यावरण की वर्त्तमान दशा एवं प्राकृतिक संसाधनों, पर्यावरण में परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी दबाव तथा इन परिवर्तनों के प्रभाव से संबंधित अनेक प्राथमिक मुद्दे शामिल हैं। यह प्रतिवेदन, भविष्य में पर्यावरण क्षरण की रोकथाम एवं निगरानी के उत्तरदायित्व के रूप में कार्यक्रमों अथवा सरकार द्वारा लागू की गई वर्त्तमान एवं प्रस्तावित नीतिगत उपायों का मूल्यांकन भी करता है, साथ ही, नीतिगत विकल्प भी प्रस्तावित करता है।