पर्यावरण संरक्षण pr nibandh in 80 words
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पर्यावरण संरक्षण के उपाय:- विश्व पर्यावरण संरक्षण अधिनियम संयुक्त राष्ट्र में पर्यावरण के लिए मनाया जाता है और यह एक उत्सव की तरह होता है। इस दिन पर्यावरण के संरक्षण के लिए जगह-जगह वृक्षारोपण किया जाता है हमारे देश में अक्सर ऐसा होता है कि कोई भी बड़ा कार्य होता है तो हम उम्मीद करते हैं कि वह सरकार करेगी जैसे पर्यावरण संरक्षण दुर्भाग्य से कुछ लोग मानते हैं कि केवल सरकार और बड़ी कंपनियों को ही पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ करना चाहिए परंतु ऐसा नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अगर अपनी अपनी जिम्मेदारी समझे तो सभी प्रकार की कचरा ,गंदगी और बढ़ती आबादी के लिए स्वयं उपाय करके पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी दे सकता है, लेकिन प्रगति के नाम पर पर्यावरण को मानव ने ही विकृत करने का प्रयास किया है, पर्यावरण व्यापक शब्द है जिसका सामान्य अर्थ प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया समस्त भौतिक और सामाजिक वातावरण इसके अंतर्गत जल, वायु, पेड़, पौधे, पर्वत, प्राकृतिक संपदा सभी पर्यावरण सरक्षण के उपाए में आते है। ‘ गो ग्रीन(Go Green) ‘ कहने के लिए नहीं बल्कि करने में ज्यादा आसान होता है, आज पर्यावरण का ध्यान रखना हर व्यक्ति का कर्तव्य और जिम्मेदारी है।(1) पर्यावरण सरक्षण को हानि पहुंचाने वाली चीजों का कम उपयोग करना चाहिए जैसे प्लास्टिक के बैग इत्यादि।
(2) पुनरावृति करना चाहिए यानी वापस इस्तेमाल करने योग्य सामान को हमें खरीदने चाहिए जिसे हम वापस उपयोग कर सकते हैं जैसे कांच, कागज, प्लास्टिक और धातु के समान जिसे हम दोबारा उपयोग कर सकते हैं।
(3) कुछ ऐसी चीजें होती है जिसे दोबारा बना कर प्रयोग में ला सकते है जैसे शराब की बोतलें, खाली जार इत्यादि ऐसे समान जो हम हमारे घरों में उपयोग करते हैं और फेंक देते हैं लेकिन उन्हें वापस उपयोग लाने का काम कर सकते हैं उदाहरण के तौर पर अखबार, खराब कागज , गत्ता, इत्यादि ऐसे समान होते हैं जिनका उपयोग बनाकर वापस उपयोग में ला सकते है। पर्यावरण सरक्षण का उपाय किसी भी महिला के किचन से शुरू होकर हमारे पर्यावरण तक हमारे सामने आता है, इसकी और सरकार को विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए।
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Explanation:
पर्यावरण यानि ऐसा आवरण जो हमें चारों तरफ से ढंक कर रखता है, जो हमसे जुड़ा है और हम उससे जुड़े हैं और हम चाहें तो भी खुद को इससे अलग नहीं कर सकते हैं। प्रकृति और पर्यावरण एक दूसरे का अभिन्न हिस्सा हैं।
कोई भी व्यक्ति या वस्तु चाहे वो सजीव हो या निर्जीव, पर्यावरण के अन्तर्गत ही आती है। पर्यावरण से हमें बहुत कुछ मिलता है, लेकिन बदले में हम क्या करते हैं? हम अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए इस पर्यावरण और इसकी अमूल्य संपदा का हनन करने पर तुले हैं।
हमारे द्वारा कि गई हर अच्छी और बुरी गतिविधि का असर पर्यावरण पर पड़ता है। इस प्रकृति पर मानव ही सबसे अधिक बुद्धिशील प्राणी माना जाता है। अतः पर्यावरण के संरक्षण की जिम्मेदारी भी मनुष्य की ही है। आज हम पर्यावरण संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालकर समाज को इसके लिए जागृत करना चाहते हैं।
पर्यावरण
पर्यावरण अर्थात् जिस वातावरण में हम रहते हैं। हमारे आस पास मौजूद हर एक चीज, जीव-जंतु, पक्षी, पेड़-पौधे, व्यक्ति इत्यादि सभी से मिलकर पर्यावरण की रचना होती है। हमारा इस पर्यावरण से घनिष्ठ संबंध है और हमेशा रहेगा। प्रकृति और पर्यावरण की अद्भुत सुंदरता देखते ही हृदय में खुशी और उत्साह का संचार होने लगता है।
हरे भरे लहलहाते पेड़, आसमान में कलरव करते और चहचहाते पक्षी, जंगल में दौड़ते जीव जंतु, समन्दर में आती और जाती हुई लहरें, कल कल करके बहती हुई नदियां आदि जो मनोरम अहसास करवाते हैं, वो हमें अन्य कहीं से महसूस नहीं हो सकता।
फिर भी ये अफ़सोस की बात है कि लोग आज भी इसके महत्व को समझ नहीं पाए हैं और इसे नुकसान पहुंचाते रहते हैं। वे यह नहीं जान पा रहे कि पर्यावरण की हानि करके वे अपने सर्वनाश को निमंत्रण दे रहे हैं।
आज मानव नए नए आविष्कार कर रहा है और खूब तरक्की कर रहा है, परन्तु उसका हर्जाना भुगत रहा है ये पर्यावरण और इसमें रहने वाले अबोध जीव। आज सभी को पर्यावरण और प्रकृति का संरक्षण करने के लिए जागरूक होना पड़ेगा, अन्यथा पर्यावरण के साथ सारी मानव जाति का भी विनाश हो जाएगा।