पर्यावरण तथा जीव जंतु उ कि संरक्षण के लिए लोगों को जाग्रत करने वाला सक प्रभावशाली विज्ञापन बनाइस ।
Answers
Answer:
वन्य जीव संरक्षण में अब तेजी लाई जाएगी। इसके लिए न सिर्फ ग्राम प्रधानों, बल्कि समाज सेवियों की मदद लेकर आम जनता को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। खासकर विलुप्त हो रहे गिद्ध और सारस पक्षी को बचाने पर अधिक जोर दिया जाएगा। इन पक्षियों का शिकार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ ओपी सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वह क्षेत्र में वन्य जीव संरक्षण के लिए कार्य करें।
जिले में एक अक्तूबर से वन्य जीव सप्ताह की शुरुआत की गई है। जो सात अक्तूबर तक चलेगा। शहर के इंदिरा उद्यान में शनिवार को हुई प्रेसवार्ता के दौरान जिले में वन्य जीव संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की बात कही गई। डीएफओ ने कहा कि वन्य जीवों की सुरक्षा करना समाज के सभी नागरिकों का दायित्व है। जिले में सारस, हिरन, सूकर, हिरन, वनरोज, बंदर, लंगूर, घड़ियाल, भेड़िया, सियार आदि वन्य जीव पाए जाते हैं। संरक्षण और सुरक्षा के अभाव में अनेक जीव जंतु विलुप्त हो रहे हैं। गौरेया और गिद्ध गायब हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण में गिद्धों की विशेष महत्ता है। इन जीवों को बचाने के लिए ग्राम प्रधानों, समाजसेवियों समेत अन्य लोगों की मदद ली जाएगी और प्रचार-प्रसार कराया जाएगा, ताकि इन जीवों का संरक्षण हो सके। कहा कि सारस हमारा राज्य पक्षी है, जिसे बचाने के लिए भी जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि वन्य जीवों का कोई शिकार करता है तो लोग उसकी सूचना वन विभाग के कंट्रोल रूम टेलीफोन नंबर 0535-2208719 पर दें।
लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. अमिता कनौजिया ने कहा कि वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सबको आगे आने की जरूरत है। वन्य जीवों के बिना पर्यावरण की कल्पना नहीं की जा सकती है। खासकर विलुप्त हो रहे गिद्ध और सारस पक्षी को बचाने की जरूरत है। कहा कि गिद्धों के संरक्षण के लिए गिद्धों के आवासीय क्षेत्र में अवैध खनन न होने पाए। इनके घोंसलों को सुरक्षित रखा जाए। गिद्ध के मिलने की सूचना वन विभाग को दिया जाए। गिद्धों के घायल होने पर भी विभाग को सूचना दें। इस बात का पूरा ध्यान दिया जाए कि इनका किसी भी तरह शिकार न होने पाए।
Explanation:
MARK AS BRINLIST!!!!!!