पर्यायवरण प्रदूषण पर अनुच्छेद लिखिए essay
Answers
Answer:
जलवायु परिवर्तन के कारण हरितगृह (ग्रीनहाउस) प्रभाव और वैश्विक ताप में वृध्दि, ओजोन परत का क्षय होना, अम्लीय वर्षा होना, भूस्खलन, मृदा का क्षरण आदि चीजें होती हैं, जिसे पर्यावरण का प्रदूषित होना कहते हैं। मनुष्य ने अपने और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की कीमत पर प्रकृति के धन का दोहन किया है। इसके अलावा, जो प्रभाव अब तेजी से उभर रहा है, वह सब सैकड़ों या हजारों वर्षों से मनुष्यों की गतिविधियों के कारण है।
इन सबसे ऊपर, अगर हम पृथ्वी पर जीवित रहना और अपना जीवन जारी रखना चाहते हैं, तो हमें उपाय करने होंगे। ये उपाय हमारी अगली पीढ़ी के भविष्य के साथ-साथ हमें सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे।
पर्यावरण का अर्थ
पर्यावरणीय प्रदूषण को समझने से पूर्व यह समझना जरुरी है कि, पर्यावरण क्या है और हमें कैसे प्रभावित करता है। ‘‘हर्षकोविट्स’’ के शब्दों में-
‘‘पर्यावरण संपूर्ण वाह्य परिस्थितियों एवं प्रभावों का जीवधारियों पर पड़ने वाला सम्पूर्ण प्रभाव है जो उनके जीवन विकास एवं कार्य को प्रभावित करता है।’’
पर्यावरण प्रदूषण आज हमारे ग्रह पर मानवता और अन्य जीवन रूपों का सामना करने वाली सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। पर्यावरण प्रदूषण को पृथ्वी / वायुमंडल प्रणाली के भौतिक और जैविक घटकों के संदूषण के रुप में परिभाषित किया जाता है। सामान्य पर्यावरणीय प्रक्रियाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती हैं। प्रदूषक प्राकृतिक रूप से पदार्थ या ऊर्जा हो सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में होने पर उन्हें दूषित माना जाता है। प्राकृतिक संसाधनों की किसी भी दर का उपयोग प्रकृति द्वारा स्वयं को पुनर्स्थापित करने की क्षमता से अधिक होने पर वायु, जल और भूमि के प्रदूषण का परिणाम हो सकता है।
Answer:
आज हम स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं।भारत ने पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बना रखी है। भारत की गिनती अब विकासशील से विकसित देशों में होने लगी है। कोरोनावायरस जैसी भयंकर आपदा से निबटने के लिए भारत ने किसी दूसरे देश के आगे हाथ नहीं पसारे। अपने ही देश में वैक्सीन, मास्क और पीपीई किट बनाकर भारत ने पूरे विश्व को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया। इसके अतिरिक्त जरूरतमंद राष्ट्रों की मदद भी की।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत भारत ने स्टार्टअप स्टैंडअप योजना बनाई। जिसने हजारों बेरोजगारों को काम दिया और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाया । इस तरीके से अपने ही देश में वस्तुएं पैदा करके हमने चीन जैसे बड़े देश को मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें यह दिखा दिया कि भारत सच्चाई और ईमानदारी से किस प्रकार आत्मनिर्भर बन सकता है।
Explanation: