Hindi, asked by qazwsxedcr3290, 11 months ago

पर्यटन -एक शौक पर निबन्ध

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Answered by AnuragSharma30112003
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पर्यटन के लाभ – पर्यटन का अर्थ है – घूमना | बस घुमने के लिए घूमना | आनंद-प्राप्ति और जिज्ञासा-पूर्ति के लिए घूमना | ऐसे पर्यटन में सुख ही सुख है | ऐसा पर्यटन दैनंदिन जीवन की भारी-भरकम चिंताओं से दूर होता है | जो व्यक्ति इस दशा में जितनी देर रहता है, उतनी देर तक वह आनंदमय जीवा जीता है |

    पर्यटन का दूसरा लाभ है – देश विदेश की जानकारी | इससे हमारा ज्ञान समृद्ध होता है | पुस्तकीय ज्ञान उतना प्रभावी नहीं होता जितना कि प्रत्यक्ष ज्ञान | पर्यटन से हमें देश-विदेश के खान-पान, रहान-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति की जानकारी मिलती है | इससे हमारे मन में बैठ हुए कुछ अंधविश्वाश टूटते हैं | हमें यह विश्वास होता है – विश्व – भर का मानव मूल रूप से एक है | हमारी आपसी दूरियाँ कम होती हैं | मन उदार बनता है | पूरा देश और विश्व अपना-सा प्रतीत होता है | राष्ट्रिय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है |

    पर्यटन : एक उद्दोग – वर्तमान समय में पर्यटन एक उद्दोग का रूप धारण कर चूका है  | हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर आदि पर्वतीय स्थलों की अर्थ-व्यवस्था पर्यटन पर आधारित है | वहाँ वर्षभर विश्व-भर से पर्यटक आते हैं और अपनी कमाई खर्च करते हैं | इससे ये पर्यटक-स्थल फलते-फूलते हैं | वहाँ के लोगों को आजीविका का साधन मिलता है |

    पर्यटन के प्रकार – पर्यटन-स्थल अनेक प्रकार के हैं | कुछ प्रकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात हैं | जैसे-प्रसिद्ध पर्वत-चोटियाँ, समुद्र-तल, वन-उपवन | कुछ पर्यटन-स्थल धर्मित महत्व के हैं | जैसे हरिद्वार, वैष्णो देवी, काबा, कर्बला आदि | कुछ पर्यटन-स्थल एतेहासिक महत्व के हैं | जैसे लाल किला, ताजमहल आदि | कुछ पर्यटन-स्थल वज्ञानिक, सांस्कृतिक या अन्य महत्व रखते हैं | इनमें से प्राकृतिक सौंदर्य तथा धार्मिक महत्व के पर्यटन-स्थलों पर सर्वाधिक भीड़ रहती है |

 


Answered by squaregaming
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Explanation:

पर्यटन आदिकाल से ही मनुष्यों का स्वभाव रहा है T - फिरना भी मनुष्य के जीवन को आनंद से | घूमना भर देता है इसका पता लोगों ने बहुत पहले ही लगा लिया था । पहले लोग पैदल चलकर या समुद्र मार्ग से लंबी-लंबी दूरियाँ तय कर अपने भ्रमण के शौक को पूरा करते थे।

कुछ लोग ऊँटों, घोड़ों आदि पर चढ़कर समूह यात्रा करते थे हालांकि ऐसी कई यात्राएँ व्यापार के उद्देश्य से भी की जाती थीं । परंतु ऐसे लोगों की भी कमी नहीं थी जो यात्रा तो व्यापार शिक्षा प्राप्ति या राजा के दूत बनकर करते थे परंतु उनकी यात्रा ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण बन जाती थी। ये लोग दूसरे देश की संस्कृति का अध्ययन कर अपने अनुभवों को ग्रंथ रूप में लिख देते थे ।

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