परचून की दुकान पर बैठे हुए लाला में भगवान की मां के बारे में क्या कहा
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परचून की दुकान पर बैठे लाला जी ने कहा," अरे भाई, उनके लिए मरे-जिए का कोई मतलब न हो, पर दूसरे के धर्म-ईमान का तो खयाल करना चाहिए! जवान बेटे के मरने पर तेरह दिन का सूतक होता है और यहाँ सङक पर बाज़ार में आकर खरबूजे बेचने बैठ गयी। हजार आदमी आते-जाते हैं। कोई क्या जानता है कि इसके घर में सूतक है।कोई इसके खरबूजे खा ले तो उसका ईमान-धर्म कैसे रहेगा?
आशा है कि आप इस जवाब से संतुष्ट हो
धन्यवाद्
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Shukeiya jisne bhi yah inter diya
mujhe Brainlieast mark kijiye
please
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