paragraph (130-140 words) on anuched lekhan topic class 9
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अनुच्छेद लिखते समय सीमित शब्दों में एक विषय से संबद्ध विचारों अथवा भावों को प्रस्तुत किया जाता है। अनुच्छेद-लेखन की कुछ विशेषताएँ होती हैं; जैसे-यह निबंध का सार नहीं है। यह अपने-आप में पूर्ण होता है। निबंध से भिन्न अनुच्छेद लिखते समय भूमिका बाँधने और निष्कर्ष देने की आवश्यकता नहीं होती। तात्पर्य यह है कि इसे लिखते समय किसी निश्चित ढाँचे में बँधने की अपेक्षा नहीं होती। दिए गए विषय को केंद्र में रखकर पूरे अनुच्छेद में उसी का विस्तार किया जाता है।
अतः यह ध्यान रखना आवश्यक है कि अनुच्छेद में अनावश्यक प्रसंग न हो। सभी वाक्य एक-दूसरे से जुड़े हुए और स्वाभाविक रूप से कथ्य का क्रमिक विकास करते हुए दिखाई देने चाहिए। अनुच्छेद में स्पष्टता और सजीवता लाने के लिए संगति एवं एकाग्रता आवश्यक है। सीमित आकार होने के कारण अनुच्छेद-लेखन में अनावश्यक विस्तार, अवांछित प्रसंग, बड़े उदाहरणों, लंबे उद्धरणों आदि के लिए स्थान नहीं होता।
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त्योहारों का महत्त्व
संकेत बिंदु-.
विभिन्न क्षेत्रों के अपने-अपने त्योहार
विभिन्न प्रकार के त्योहार
त्योहारों का महत्त्व
त्योहारों के स्वरूप में परिवर्तन
भारत त्योहारों एवं पर्यों का देश है। शायद ही कोई महीना या ऋतु हो, जब कोई-न-कोई त्योहार न मनाया जाता हो। भारत एक विशाल देश है। यहाँ की विविधता के कारण ही विविध प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। यहाँ परंपरा और मान्यता के अनुसार नागपंचमी, रक्षाबंधन, दीपावली, दशहरा, होली, ईद, पोंगल, गरबा, वसंत पंचमी, बैसाखी आदि त्योहार मनाए जाते हैं। इसके अलावा कुछ त्योहारों को सारा देश मिलकर एक साथ मनाता है। ऐसे त्योहारों को राष्ट्रीय पर्व कहा जाता है। इन पर्यों में स्वतंत्रता दिवस, . गणतंत्र दिवस तथा गांधी जयंती प्रमुख हैं। ये त्योहार हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ये त्योहार जहाँ भाई-चारा, प्रेमसद्भाव तथा सांप्रदायिक सौहार्द्र बढ़ाते हैं, वहीं राष्ट्रीय एकता, देशप्रेम और देशभक्ति की भावना को भी प्रगाढ़ करते हैं। इनसे हमारी सांस्कृतिक गरिमा सुरक्षित रहती है। वर्तमान में इन त्योहारों के स्वरूप में पर्याप्त बदलाव आ गया है। रक्षाबंधन के पवित्र अभिमंत्रित धागों का स्थान बाज़ारू राखी ने, मिट्टी के दीपों की जगह बिजली के बल्बों ने तथा होली के प्रेम और प्यार भरे रंगों की जगह कीचड़, कालिख और पेंट ने ले लिया है। आज इन त्योहारों को सादगी एवं पवित्रता से मनाने की आवश्यकता है।