paragraph on bhulvansh mai koi aur pariksha ki tayari kar ke aaye
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मैंने देखा है पहले विज्ञानं जैसे विषयों को टेक्निकल माना जाता था और इतिहास और भूगोल और हिंदी जैसे विषयों को लोग पढ़कर याद किया करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है पढने के तौर तरीको में भी निरंतर विकास हुआ है और लोग इन विषयों को भी उसी गंभीरता से लेते है जैसे की विज्ञानं और गणित के छात्र लिया करते है और उसी तरीके से इन विषयों की पढाई में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बेहतर रिजल्ट प्राप्त करने की कोशिश करते है |
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