paragraph on dadi maa in Hindi
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मेरी प्यारी दादीमाँ का नाम सरोजिनी रस्तोगी है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के नामी शहर मेरठ में हुआ था। उनके पिताजी अमीर असूलवादी इंसान थे। मेरी दादीमाँ की माँ बहुत जल्द ही चल बसी थीं।
उनके पिता ने उन्हें पाला। कुछ आर्थिक समस्याओं के कारण धीरे धीरे उनका परिवार गरीब होता चला गया......
यहां से मेरी दादीमाँ के संघर्ष के दिन प्रारम्भ हुए।10 वी कक्षा में 75 प्रतिशत अंक लेने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई की।
उन्हें सरकारी नौकरी मिल गयी थी , कुछ समय बाद उनके पिता भी चल बसे। मेरी दादीमाँ की ज़बरदस्ती शादी करवाने के बाद उनके चाचा जी ने सभी रिश्ते नाते तोड़ दिए.....
फिर क्या , उन्हें सरकारी नौकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि मेरे दादाजी उन्हें काम नही करने देना चाहते थे .....
परंतु दादीमाँ ने ज़ीद कर एक टीचर बनने का निश्चय किया....
इतनई हिम्मती स्त्री मैने पहली बार देखी हैं। में उनका बहुत सम्मान करती हूं।
उनके पिता ने उन्हें पाला। कुछ आर्थिक समस्याओं के कारण धीरे धीरे उनका परिवार गरीब होता चला गया......
यहां से मेरी दादीमाँ के संघर्ष के दिन प्रारम्भ हुए।10 वी कक्षा में 75 प्रतिशत अंक लेने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई की।
उन्हें सरकारी नौकरी मिल गयी थी , कुछ समय बाद उनके पिता भी चल बसे। मेरी दादीमाँ की ज़बरदस्ती शादी करवाने के बाद उनके चाचा जी ने सभी रिश्ते नाते तोड़ दिए.....
फिर क्या , उन्हें सरकारी नौकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि मेरे दादाजी उन्हें काम नही करने देना चाहते थे .....
परंतु दादीमाँ ने ज़ीद कर एक टीचर बनने का निश्चय किया....
इतनई हिम्मती स्त्री मैने पहली बार देखी हैं। में उनका बहुत सम्मान करती हूं।
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