paragraph on goddess saraswati in hindi
Answers
Answer:
On Basant saraswati puja essay in hindi language Panchami, as stated yellow is particularly worn as a symbolic sign of veneration to Saraswati, Goddess of Learning, Wisdom and Fine Arts. Saraswati Puja. The goddess of wisdom and knowledge, Saraswati, is worshipped on this day.
HINDI
बसंत सरस्वती पूजा निबंध हिंदी भाषा पंचमी पर, जैसा कि कहा जाता है कि पीले रंग को विशेष रूप से सरस्वती, विद्या की देवी, बुद्धि और ललित कलाओं के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है। सरस्वती पूजा। इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
basant sarasvatee pooja nibandh hindee bhaasha panchamee par, jaisa ki kaha jaata hai ki peele rang ko vishesh roop se sarasvatee, vidya kee devee, buddhi aur lalit kalaon ke prati sammaan ka prateek maana jaata hai. sarasvatee pooja. is din vidya aur gyaan kee devee sarasvatee kee pooja kee jaatee hai
Answer: सरस्वती पूजा को हम वसंत पंचमी या श्री पंचमी भी कहते हैं इस दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं|
विद्या की देवी मां सरस्वती “संगीत की देवी” के नाम से भी जानी जाती हैं|
वसंत पंचमी के दिन सभी लोग खासकर विद्यालयो में विद्या की देवी “मां सरस्वती” की पूजा करते हैं|
सरस्वती पूजा के दौरान विद्या की देवी को सेब, मालपुआ, बेर, खीर, बूंदी आदि प्रसाद के रूप में समर्पित किए जाते हैं|
इस दिन मां सरस्वती को सफेद और पीले पुष्प, जल, मिष्टान, नारियल और पान आदि भी अर्पित किए जाते हैं|
विद्यालयों में वसंत पंचमी की पूजा के दौरान मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर दीपक प्रज्ज्वलित किये जाते हैं जो अत्यधिक आकर्षक और सुंदर लगता है|
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की श्रद्धा व प्रेम भाव से वंदना करने वालों को देवी की कृपा के साथ-साथ ज्ञान और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है|
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी को ज्ञान, संगीत और देवी सरस्वती का जन्म दिवस माना जाता है|
यह पर्व भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश जैसे देशों में भी पूर्ण उत्साह व श्रद्धा से मनाया जाता है|
इस दिन विद्यालयों व मंदिरो में सरस्वती जी का मधुर संगीत चलाया जाता है|
संगीत की देवी के इस महापर्व के उपलक्ष पर विद्यालय कॉलेज जैसे संस्थानों पर संगीत के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, कविता, श्लोक आदि प्रस्तुत किए जाते हैं|
मां सरस्वती बहुत ही सुंदर, दयालु व कृपालु हैं वे अपने भक्तों को ज्ञान, बुद्धि, संगीत कला और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं|
सरस्वती पूजा प्रत्येक वर्ष माह महीने के “शुक्ल पक्ष” की पंचमी के दिन मनाई जाती है जो जनवरी या फरवरी में पड़ती है|
वसंत पंचमी हिंदू धर्म का पवित्र पर्व है जो वसंत ऋतु के आगमन का संदेश लेकर आता है|
इस दिन ज्ञान व संगीत की देवी “सरस्वती जी” की पूजा अर्चना की जाती है|
मां सरस्वती को हम विद्या की देवी, संगीत की देवी, ज्ञान की देवी, शारदा और भारती आदि अनेक नामों से जानते हैं|
इस दिन सभी शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती जी की मूर्ति स्थापित कर चौकी सजाई जाती हैं|
इस दिन प्रसाद स्वरूप बेर, खीर, मालपुआ और बूंदी आदि वितरित किए जाते हैं|
इस दिन से हवा में ताजगी, वातावरण में हरियाली और मनमोहक सुगंध का वितरण शुरू हो जाता है|
इस दिन वातावरण बहुत आकर्षक होता है चारों ओर सुनहरी धूप, रंग-बिरंगे फूल, कोमल हवा और पक्षियों की चहचहाहट मन मोह लेती है|
इस पर्व के अनोखे पल जैसे सरस्वती पूजा, प्रसाद, सफ़ेद-पीले फूल, पीले वस्त्र और लोगों का उत्साह आदि बहुत अद्भुत लगता है|
अतः सरस्वती पूजा का यह महोत्सव सभी विद्यार्थी के लिए अहम अवसर होता है हमें इस पर्व पर “मां शारदा” की श्रद्धा भाव से पूजा करनी चाहिए तथा उनका प्रसाद वितरित कर स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए जिससे हमारे जीवन से दुख, संघर्ष, बुराइयां समाप्त होती हैं तथा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो ऊर्जा हमें सफलता की ओर ले जाने में सहायता करती हैं|