Paragraph on "हमारे
पेड़" for class 7.
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हमारे पेड़
हमें पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए पेड़ों को बचाना चाहिए उसको काटना नहीं चाहिए पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं पेड़ जब धरती पर रहेंगे तब मनुष्य भी रह पाएंगे पेड़ हमारे लिए अति आवश्यक है हमें पेड़ लगाना चाहिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए.
आज कल सब लोग पेड़ों को काट कर घर बना रहे हैं वे सब यह नहीं जानते हैं कि पेड़ हमारे लिए क्या है पेड़ और पानी के बिना हम नहीं जीवित रह सकते हैं
धन्यवाद
सामान्यतया, वन प्रकाष्ठ या अन्य वनोपजों के उत्पादन हेतु अलग रखे गये क्षेत्र या वे क्षेत्र जिन्हें जलवायु या रक्षात्मक जैसे कतिपय अप्रत्यक्ष लाभों, जो वह देता है, के लिए काष्ठीय वनस्पति से आच्छादित रखा गया है, के रूप में परिभाषित किया जाता है। इस परिभाषा में वन में होने वाले प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष लाभों पर बल दिया गया है परन्तु पारिस्थितिकीय में वन प्रधान रूप में वृक्षों तथा अन्य काष्ठीय वनस्पति से बने, प्रायः बन्द छत्र वाले पादप समुदाय के रूप में परिभाषित किया जाता है। वास्तव में वन वृक्षों, झाड़ियों तथा घास और बूटियों का ऐसा समुदाय है जिसमें वृक्ष सबसे ऊँचे और सबसे अधिक स्थान घेरने के कारण उसका प्रधान अंग होते हैं। दूसरे शब्दों में छत्र घनत्व 0.4 या अधिक होने पर क्षेत्र को सघन वन कहते हैं अन्यथा वह क्षेत्र खुला वन कहलाता है।
विधिक दृष्टि से वन वह क्षेत्र है जिसे किसी वन अधिनियम द्वारा वन घोषित किया गया हो।
प्रदेश में पाए जाने वाले वृक्ष समुदायों की विविधता का अनुमान प्रदेश में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के वनों से लगाया जा सकता है। प्रदेश में पाए जाने वाले वनों का विवरण निम्न प्रकार है:
(1) तराई वन
ये वन हिमालय के तराई क्षेत्र में सीमित है। इनमें मुख्य रूप से साल के शुद्ध विविध पतझड़ी वन हैं। इसमें अरूना, धौसी हल्दू, सेमल, कंजू, गुटेल, खैर व शीशम आदि के वन पाए जाते हैं। दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, कतरनियाघाट, सोहेलवा एवं सोहागी बरवा वन्य जीव विहार इस क्षेत्र के प्रतिनिधि संरक्षित क्षेत्र हैं।
(2) ऊष्ण शुष्क पतझड़ी वन
यद्यपि इन वनों में साल भी पाया जाता है, परन्तु अधिकांश भाग में खैर, असना, तेंदू करधई तथा सलाई के वृक्ष पाए जाते हैं। विन्ध्यन क्षेत्र में कुछ स्थानों पर सागौन भी पाया जाता है। कैमूर, रानीपुर एवं चन्द्रप्रभा वन्य जीवन विहार इस क्षेत्र के प्रतिनिधि वन्य जीव विहार हैं।
(3) ऊष्ण काँटेदार वन
इस प्रकार के वन प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्रों में पाये जाते हैं, जिसमें खुली गुल्मिकाएँ जैसे बबूल, रिओंजा, छियोंकर, हिंगोर, पीलू आदि शामिल हैं। राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव विहार इस क्षेत्र काप्रतिनिधि संरक्षित क्षेत्र है।