Paragraph on Mera pria khiladi
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Explanation:महानगर मुंबई में क्रिकेट खेलकर भारतीय टीम तक अल्प आयु में ही पहुँचने वाला होनहार युवा खिलाड़ी क्रिकेट की शान और भारत की जान बन गया है. भारतीय क्रिकेट की शान और विश्व के नंबर वन बल्लेबाज की उपाधि पाने वेल मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर
ने बहुत ही कम समय व आयु में ऐसे रेकार्ड बनाए जिन्हें तोड़ना सरल नहीं है. क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर वे अपना नाम दर्ज करा चुके हैं.१९८१ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन का कदम रखना स्मस्त भारतीयों के दिलों दिमाग़ में आज भी ताज़ा है. पिच्छले कुच्छ दिनों में सदैव ही भारतीयों की उम्मीदों की बागडोर साची के बल्ले ने ही संभाल रखी थी.
यही कारण है कि आज भी Sachin की बल्लेबाज़ी में वही ताज़गी नज़र आती है. अपने साक्षात्कार में सचिन ने कहा था की मैं आयेज खेलना और बस खेलना चाहता हूँ. क्रिकेट के बगैर जी नहीं सकता. क्रिकेट की शान तेंदुलकर सिर्फ़ आद्वितीय क्रिकेटर ही नहीं बल्कि देश के क्रिकेट प्रेमियों के अधरों की मुस्कान भी है. उनके बल्ला जब चलता है तो देश में दीवाली के पटाखे सुनाई पड़ते हैं और नहीं चलने पर सन्नाट्टा छा जाता है. परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ १९८९ में पहला मैच खेलने वाले १६ वर्ष के सचिन ने महान लेग स्पिन्नर अब्दुल क़ादिर की जमकर धुलाई करते हुए एक ही ओवर में ४ चौके लगाकर २७ रन बनाए. विश्व कप २००३ में पाकिस्तान के रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से पहचाने जाने वाले शोयिब अख़्तर के पहले ही ओवर में १८ रन बनाए थे. अपने ही रेकार्ड तोड़ने और नये बनाने की उनकी अदा ही अनोखी है.
mark as brainliest
bhala kar do mera bhi kya jaa rha ai aapka
aapke saare questions ka answer karungi promise
friends ki list m dalungi