paragraph on mera priya khel
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कुछ लोगों को हॉकी का खेल प्रिय होता है, तो अन्य कुछ फुटबाल पसन्द करते हैं तथा दूसरे किक्रेट को सबसे अच्छा खेल समझते हैं । जब मैं जूनियर हाई स्कूल में पढता था, तब मैं कवड़ी और गिल्ली-डंडा खूब खेलता था । लेकिन सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में आने के बाद से अब में वालीबाल का खेल सबसे अधिक पसन्द करता हूं ।
विभिन्न खेलों की विशिष्टतायें:
आमतौर पर मैदानी खेलों को दो वर्गो में बांटा जा सकता है । एक वर्ग में पश्चिमी देशो के खेल रखे जा सकते हैं, जबकि दूसरे वर्ग में भारतीय खेल । पश्चिमी देशों के खेल बड़े खर्चीले होते हैं । पोलो या किक्रेट जैसे पश्चिमी खेलों के खर्च को साधारण व्यक्ति बरदाश्त नहीं कर पाते । यह खेल धनी लोगों के लिए ही है । टेनिस और बैडमिंटन जैसे खेल खर्चीले तो हैं, पर उतने नहीं ।
लेकिन खेलों में बहुत अधिक मेहनत नहीं लगती, इसलिए शरीर की ठीक से कसरत नहीं हो पाती । इसलिए कर्मठ और फुर्तीले विद्यार्थी इन्हें अधिक पसन्द नहीं करते । किक्रेट में भी विशेष मेहनत नहीं लगती और समय नहीं निकाल पाता । इसके विपरीत भारतीय खेलों के स्पष्ट और सुनिश्चित नियम नहीं हैं ।
अत: इन खेलों में अक्सर भारी विवाद और झगडे उठ खड़े होते हैं । अच्छे विद्यार्थी इन खेलों को इसलिए भी पसन्द नहीं करते कि इनमें विशेष कौशल की आवश्यकता नहीं होती ।
मेरा प्रिय खेल वालीबाल:
मेरा सबसे पसन्दीदा खेल वालीबाल है । जब भी मौका मिलता है, मैं यह खेल अवश्य खेलता हूँ । मेरी इस पसन्द के कई कारण हैं । पहला कारण यह है कि यह बहुत कम खर्चीला खेल है । इसमे केवल एक बाल, दो बास और एक नेट की आवश्यकता होती है । मैं मध्यम श्रेणी के परिवार का हूँ ।
अत: मैं खेलो पर अधिक धन खर्च नहीं कर सकता । मेरे पिता की इतनी अधिक आमदनी नहीं है कि वे मेरे लिए अन्य खेलों के साज-सामान की व्यवस्था कर सके । इस पसन्द का दूसरा कारण यह है कि इस खेल के लिए हॉकी, फुटबॉल या किक्रेट जैसे खेलों के सामान लम्बे-चौड़े मैदान की आवश्यकता नहीं होती ।
हम इसे छोटे से वर्गाकार भूमि पर ही खेल सकते हैं । मेरे चुनाव का तीसरा कारण यह है कि मेरा स्वस्थ सामान्य है । हॉकी और फुटबॉल जैसे खेलों के लिए बड़ी शक्ति तथा दम-खम की जरूरत होती है । लम्बे-चौड़े मैदान में दौड़ते हुए हम थोड़ी ही देर में थक जाते हैं ।
Mera Priya Khel Cricket
वर्तमान समय में क्रिकेट सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल है। इसके चाहनेवालों की संख्या असीमित है। जब क्रिकेट की शुरुआत हुई थी तब लोगों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। तब यह खेल शाही खेल माना जाता था। काफी समय तक क्रिकेट राजा-महाराजाओं और धनी लोगों का खेल बना रहा। पोलो की तरह क्रिकेट केवल बड़े लोग ही खेला करते थे।
क्रिकेट को जन्म देने वाला देश ग्रेट ब्रिटेन है। इंज्लैंडवासी जब भारत में आए तब अपने साथ क्रिकेट का खेल भी लेकर आए थे। क्रिकेट के खेल का आरंभ लगभग छह सौ वर्ष पूर्व हुआ था। सबसे पहला क्रिकेट मैच 18 जून 1744 को केंट और लंदन के बीच खेला गया।
कलकता क्रिकेट क्लब भारत की पहली क्रिकेट संस्था है। संसार की सबसे पुरानी संस्था का नाम एम.सी.सी. है। कलकता के बाद बंबई में क्रिकेट की शुरुआत सन 1797 में हुई। मद्रास में यह खेल सन 1846 में शुरु हुआ था।
सन 1878 में एक प्रोफेसर ने प्रथम भारतीय क्रिकेट क्लब की स्थापना प्रेसीडेंसी कॉलेज क्रिकेट क्लब के नाम से की थी।
यह खेल सर्वत्र लोकप्रिय है। च्यारह खिलाडिय़ों के बीच क्रिकेट खेला जाता है। दोनों टीमों का एक-एक कप्तान होता है। शेष खिलाड़ी कप्तान के नेतृत्व में खेल खेलते हैं। इस खेल की क्रीड़ा-पट्टिका 22 गज वाली होती है। खेला का निर्णय करने के लिए दो निर्णयक होते हैं। उनका निर्णय अंतिम एंव सर्वमान्य होता है। एक अंपायर जहां से गेंदबाजी होती है, वहां होता है, यानी विकेट के दूसरे छोर पर। दूसरा अंपायर वहां खड़ा होता है, जहां बल्लेबाजी होती है। स्क्वायर लेग के पास। इस अंपायर को स्क्वायर लेग अंपायर भी कहते हैं। प्रत्येक ओवर के बाद अंपायर एक-दूसरे का स्थान ग्रहण करते हैं।