Paragraph on mera priya shauk in Hindi
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अपनी दैनिक चर्चा में से कुछ समय हम अपनी पसंद के काम पर व्यय करना चाहते हैं। ऐसा कुछ जिसे करने से हममें नयी ऊर्जा का संचार हो, जिसे करना हमें उबाऊ न लगे, जिसे हम शौक से करें, जिसे करना हमें रूचिकर लगता हो।
essay on mera shauk my hobby in hindiमेरा प्रिय शौक है- पुस्तक पढ़ना। मेरे कुछ मित्र अपने खाली समय में बागबानी करते हैं। कुछ खेलकूद में अधिक रूचि रखते हैं। कुछ दोस्त संगीत, नृत्य एवं नाटकों तथा फिल्मों में समय बिताना चाहते हैं। मेरे एक मित्र को टिकटें एकत्र करने का शौक है तो दूसरे को तरह तरह के सिक्के और करेंसी इकट्ठा करने में रूचि है। एक का शौक दूसरे का व्यवसाय भी हो सकता है। पुस्तकें मेरी परम मित्र हैं। मुझे इनके साथ समय बिताना सबसे अच्छा लगता है। ज्ञान बढ़ाने का मूड हो या मनोरंजन का- इनका साथ सदैव उपलब्ध रहता है। जहाँ चाहो जितना चाहो पढ़ो, जब मर्जी, जो मर्जी पढ़ो। कोई सीमा नहीं, असीम विषय, असीमित उपलब्धता। कथा कहानियाँ, चुटकुले, उपन्यास, नाटक, जीवनियाँ, यात्रा वृतांत सभी कुछ पढ़ना मनुष्य को न केवल रूचिकर है बल्कि ज्ञानवर्धक भी हैं। पुस्तकें हमारी सर्वश्रेष्ठ मित्र हैं, यह हमें कभी धोखा नहीं देतीं।
पुस्तकें कभी अकेलेपन का अहसास नहीं होने देतीं। किन्तु पुस्तकों के विषय में एक सावधानी बरतनी जरूरी है। हमें अपनी उम्र के अनुरूप, उचित विषयों पर, उपयोगी पुस्तकों का ही अध्ययन करना चाहिये।
पुस्तक पढ़ना एक महँगा शौक है मगर पुस्तकालय या वाचनालय में जाकर भी पुस्तकें प्राप्त की जा सकती हैं। मेरे घर में मेरा एक छोटा सा पुस्तकालय है जिसमें अपनी खरीदी हुई पुस्तकों को मैंने सहेज कर क्रमानुसार रखा हुआ है।
essay on mera shauk my hobby in hindiमेरा प्रिय शौक है- पुस्तक पढ़ना। मेरे कुछ मित्र अपने खाली समय में बागबानी करते हैं। कुछ खेलकूद में अधिक रूचि रखते हैं। कुछ दोस्त संगीत, नृत्य एवं नाटकों तथा फिल्मों में समय बिताना चाहते हैं। मेरे एक मित्र को टिकटें एकत्र करने का शौक है तो दूसरे को तरह तरह के सिक्के और करेंसी इकट्ठा करने में रूचि है। एक का शौक दूसरे का व्यवसाय भी हो सकता है। पुस्तकें मेरी परम मित्र हैं। मुझे इनके साथ समय बिताना सबसे अच्छा लगता है। ज्ञान बढ़ाने का मूड हो या मनोरंजन का- इनका साथ सदैव उपलब्ध रहता है। जहाँ चाहो जितना चाहो पढ़ो, जब मर्जी, जो मर्जी पढ़ो। कोई सीमा नहीं, असीम विषय, असीमित उपलब्धता। कथा कहानियाँ, चुटकुले, उपन्यास, नाटक, जीवनियाँ, यात्रा वृतांत सभी कुछ पढ़ना मनुष्य को न केवल रूचिकर है बल्कि ज्ञानवर्धक भी हैं। पुस्तकें हमारी सर्वश्रेष्ठ मित्र हैं, यह हमें कभी धोखा नहीं देतीं।
पुस्तकें कभी अकेलेपन का अहसास नहीं होने देतीं। किन्तु पुस्तकों के विषय में एक सावधानी बरतनी जरूरी है। हमें अपनी उम्र के अनुरूप, उचित विषयों पर, उपयोगी पुस्तकों का ही अध्ययन करना चाहिये।
पुस्तक पढ़ना एक महँगा शौक है मगर पुस्तकालय या वाचनालय में जाकर भी पुस्तकें प्राप्त की जा सकती हैं। मेरे घर में मेरा एक छोटा सा पुस्तकालय है जिसमें अपनी खरीदी हुई पुस्तकों को मैंने सहेज कर क्रमानुसार रखा हुआ है।
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