paragraph on प्रदूषण
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प्रदूषण, तत्वों या प्रदूषकों के वातावरण में मिश्रण को कहा जाता है। जब यह प्रदूषक हमारे प्राकृतिक संसाधनो में मिल जाते है। तो इसके कारण कई सारे नकरात्मक प्रभाव उत्पन्न होते है। ... प्रदूषण के द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रभावों के कारण मनुष्यों के लिए छोटी बीमारियों से लेकर अस्तित्व संकट तक जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
Essay on pollution :-
Pollution is a key issue that has been affecting our earth. Although it is an issue that has been prevalent since ancient times, in the 21st century its harmful effect has been felt on a large scale.
Although the governments of different countries have taken several major steps to curb these effects, there is still a long way to go.
Several natural processes and cycles get disturbed due to this. Not only that, many flora and fauna today either have gone extinct or are endangered. Due to the rapid increase in the amount of pollution, animals are losing their habitat at a rapid speed.
Pollution has affected several major cities across the globe. A majority of these polluted cities lie in India. Some of the most polluted cities in the world are Delhi, Kanpur, Bamenda, Moscow, Heze, Chernobyl, Beijing among others.
Although these cities have taken several steps to curb pollution, they still have a long way to go. The air quality of these places is poor and there are cases of land and water pollution as well. Now it's time that the administration of these cities prepares strategies to check these issues.
प्रदूषण पर निबंध :-
प्रदूषण आज की दुनिया की एक गंभीर समस्या है । प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमियों के लिए यह भारी चिंता का विषय बन गया है । इसकी चपेट में मानव-समुदाय ही नहीं, समस्त जीव-समुदाय आ गया है । इसके दुष्प्रभाव चारों ओर दिखाई दे रहे हैं ।
प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है-गंदगी । वह गंदगी जो हमारे चारों ओर फैल गई है और जिसकी गिरफ्त में पृथ्वी के सभी निवासी हैं उसे प्रदूषण कहा जाता है । प्रदूषण को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण । ये तीनों ही प्रकार के प्रदूषण मानव के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं।
वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण इसमें अनेक प्रकार की अशुद्ध गैसों का मिल जाना है । वायु में मानवीय गतिविधियों के कारण कार्बन डायऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसे प्रदूषित तत्व भारी मात्रा में मिलते जा रहे हैं । जल में नगरों का कूड़ा-कचरा रासायनिक पदार्थों से युक्त गंदा पानी प्रवाहित किया जाता रहा है । इससे जल के भंडार; जैसे-तालाब, नदियाँ,झीलें और समुद्र का जल निरंतर प्रदूषित हो रहा है ।
ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है – बढ़ती आबादी के कारण निरंतर होनेवाला शोरगुल । घर के बरतनों की खट-पट, मशीनों की खट-पट और वाद्य-यंत्रों की झन-झन दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है । वाहनों का शोर, उपकरणों की चीख और चारों दिशाओं से आनेवाली विभिन्न प्रकार की आवाजें ध्वनि प्रदूषण को जन्म दे रही हैं । महानगरों में तो ध्वनि-प्रदूषण अपनी ऊँचाई पर है ।
आधुनिक वैज्ञानिक युग में प्रदूषण को पूरी तरह समाप्त करना टेढ़ी खीर हो गई है । अनेक प्रकार के सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास अब तक नाकाफी सिद्ध हुए हैं । अत: स्पष्ट है कि जब तक जन-समूह निजी स्तर पर इस कार्य में सक्रिय भागीदारी नहीं करता, तब तक इस समस्या से निबटना असंभव है । हरेक को चाहिए कि वे आस-पास कूड़े का ढेर व गंदगी इकट्ठा न होने दें ।