paragraph on parivar ka mehatwa in hindi of about 150 words
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Explanation:
आगस्त कॉम्त (Auguste Comte) की शब्दों में,“परिवार के अभाव में समाज की कल्पना नहीं की जा सकती, परिवार समाज की अधारभूत इकाई है”। यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है परिवार के समूह से समुदाय तथा समुदायों से समाज का निर्माण होता है। इसलिए परिवार को समाज की इकाई के रूप में देखा जाता है।
समाज में परिवार का महत्व
सभ्य परिवारों के समूह से सभ्य समाज का निर्माण होता है। जबकी इसके विपरीत समाज में एक बुरे आचरण का अनुसरण करने वाला परिवार पूरे समाज के लिए श्राप सिद्ध हो सकता है। इस कारणवश स्वच्छ समाज के लिए अच्छे परिवारों का होना अति आवश्यक है।
नेल्सन मंडेला के अनुसार
“किसी समाज की आत्मा की सबसे अच्छी पहचान इसी से होती है कि वह अपने बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करता है।”
समाज पर परिवार का प्रभाव
बढ़ते उम्र के बच्चों के लिए परिवार का व्यवहार सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। देश में होने वाले अपराधों में बाल अपराध के मामलात दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहें हैं। बाल अपराध से आशय बच्चों द्वारा किए गए अपराध से है। बच्चों के बाल अपराधी बनने के कई कारणों में से एक परिवारिक व्यवहार भी है। माता-पिता के आपसी तनाव या अपने में व्यस्त रहने के वजह से बच्चे पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है तथा आगे चल कर वह समाज के प्रतिकूल काम कर सकते हैं।
इस कारणवश परिवार का सही मार्ग दर्शन बच्चे के साथ-साथ समाज के लिए भी अति आवश्यक है।
परिवार महत्वपूर्ण क्यों है?
व्यक्ति के व्यक्तित्व का पूर्ण निर्माण परिवार द्वारा होता है इसलिए सदैव समाज व्यक्ति के आचरण को देखकर उसके परिवार की प्रशंसा या अवहेलना करता है।
व्यक्ति के गुणों में जन्म से पूर्व ही उसके परिवार के कुछ अनुवांशिक गुण उसमें विद्यमान रहते हैं।
व्यक्ति की हर परेशानी (आर्थिक, समाजिक, निजी) परिवार के सहयोग से आसानी से हल हो सकती है।
मतलबी दुनिया में जहां किसी का कोई नहीं होता वहां हम परिवार के सदस्यों पर आख बंद कर के विश्वास कर सकते हैं।
परिवार व्यक्ति को मजबूत रूप से भावनात्मक सहारा प्रदान करता है।
जीवन में सब कुछ प्राप्त कर पाने की काबिलियत हमें, परिवार द्वारा प्रदान की जाती है।
परिवार के सही मार्ग दर्शन से व्यक्ति सफलता के उच्च शिखर को प्राप्त करता है इसके विपरीत गलत मार्ग दर्शन में व्यक्ति अपने पथ से भटक जाता है।
हमारे जीत पर हमारी सराहना तथा हार पर संतावना परिवार से मिलने पर हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता है। यह हमारे भविष्य के लिए कारगर साबित होता है।
परिवार के प्रति हमारा दायित्व
परिवार से प्राप्त प्यार और हमारे प्रति उनका निस्वार्थ समर्पण हमें उनका सदैव के लिए ऋणी बनाता है। अतः हमारा, हमारे परिवार के प्रति भी विशेष कर्तव्य बनता है।
बच्चों को सदैव अपने से बड़ों की आज्ञा का पालन करना चाहिए और स्वयं की बात समझाने का प्रयास करना चाहिए। किसी बात के लिए हठ करना उचित नहीं।
परिवार के इच्छाओं और अपेक्षाओं पर सदैव खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए।
बच्चों और परिवार के मध्य कितना भी अनबन हो बच्चों को परिवार से दूर कभी नहीं होना चाहिए।
जिस बातों पर परिवार सहमत नहीं हैं, उन बातों पर पुनः विचार करना चाहिए और स्वयं समझने का प्रयास करना चाहिए।
निष्कर्ष
हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र होने के बावजूद अनेक बंधनों, जिम्मेदारियों, प्रेम तथा प्रतिबंधों से बंधे होते हैं। एक परिवार का महत्व, समाज के लिए उतना ही है, जितना की एक बच्चे के लिए है, अतः हमारे जीवन के लिए परिवार महत्वपूर्ण आवश्यकता है।