Paragraph on pustako sa dosti in hindi
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प्यार और खुशी के पलों में, दुख और उदासी के क्षणों में, जब चारों और हरियाली-ही-हरियाली हो या फिर सिर्फ सूखा बंजर, किताबें हमेशा साथ रहती हैं उनके, जिन्होंने किताबों से दोस्ती बाँधी हुई है। हर बंधन बहुत बार झूठा साबित होता है, दोस्त आज होते हैं तो कल नहीं भी होते, लेकिन किताबें हमेशा रहती हैं।
सुख में खुशियों की फुहारें बनकर बरसती हैं किताबें। दुख में हमारे साथ-साथ रोती हैं, हमारा गम साझा करती हैं, अपने घर के एकांत में हमेशा किसी की मौजूदगी का एहसास कराती रहती हैं। किताबें हमें प्यार करना सिखाती हैं, और बुराई से नफरत करना भी। किताबें हर शै को शिद्दत से जीने का जज्बा पैदा करती हैं। हर याद, हर एहसास को शब्दों में पिरोकर हमेशा के लिए अपने पास सँजो लेना सिखाती हैं। किताबें तकलीफों से जूझने की ताकत देती हैं, और बड़ी-से-बड़ी मुश्किलों में भी हार न मानने की प्रेरणा।
बड़ा विचित्र और अनूठा है किताबों का संसार। सात समंदर पार की दुनिया, वहाँ के मनुष्य, उनका जीवन, उनके संघर्ष, पूरी दुनिया की मानवता का इतिहास, सबकुछ इन किताबों में दर्ज है। स्पार्टाकस को हमने देखा नहीं, लेकिन किताबों में कितनी बार उसे अपने बिल्कुल करीब महसूस किया है, उसके संघर्ष के साथ खड़े हुए हैं हम। अन्ना कारेनिना हमारे सपनों में आती है और सामंती दुनिया की हर बेड़ी से आजाद होने को हमारा मन कसमसाने लगता है।
कोलंबस और वास्कोडिगामा की खोजी यात्राएँ हैं इन किताबों में। हमने तो कभी चलकर नापी नहीं ये पृथ्वी, लेकिन किताबें बताती हैं, कि पृथ्वी गोल है। ये पहाड़, नदी, समुद्र और वन, ये कैसे बने। धरती पर दिन और रात कैसे होते हैं, कैसे होती है बरसात और कैसे मौसम बदला करते हैं। और किताबें ये भी बताती हैं कि जिसने सबसे पहले कहा था कि धरती गोल है, उसे इस सत्य की कीमत अपने प्राण देकर चुकानी पड़ी थी। किताबों में उसका नाम कोपरनिकस और जर्दानो ब्रूनो लिखा है, जिसे कुछ लोगों ने जिंदा जला दिया था, क्योंकि उसमें सत्य बोलने का साहस था। उसने कहा था कि पृथ्वी नहीं, सूर्य है अंतरिक्ष का केंद्र, और हम सब सूर्य की परिक्रमा करते हैं। वह हँसते हुए चिता में जल गया, लेकिन सच से नहीं डिगा।
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सुख में खुशियों की फुहारें बनकर बरसती हैं किताबें। दुख में हमारे साथ-साथ रोती हैं, हमारा गम साझा करती हैं, अपने घर के एकांत में हमेशा किसी की मौजूदगी का एहसास कराती रहती हैं। किताबें हमें प्यार करना सिखाती हैं, और बुराई से नफरत करना भी। किताबें हर शै को शिद्दत से जीने का जज्बा पैदा करती हैं। हर याद, हर एहसास को शब्दों में पिरोकर हमेशा के लिए अपने पास सँजो लेना सिखाती हैं। किताबें तकलीफों से जूझने की ताकत देती हैं, और बड़ी-से-बड़ी मुश्किलों में भी हार न मानने की प्रेरणा।
बड़ा विचित्र और अनूठा है किताबों का संसार। सात समंदर पार की दुनिया, वहाँ के मनुष्य, उनका जीवन, उनके संघर्ष, पूरी दुनिया की मानवता का इतिहास, सबकुछ इन किताबों में दर्ज है। स्पार्टाकस को हमने देखा नहीं, लेकिन किताबों में कितनी बार उसे अपने बिल्कुल करीब महसूस किया है, उसके संघर्ष के साथ खड़े हुए हैं हम। अन्ना कारेनिना हमारे सपनों में आती है और सामंती दुनिया की हर बेड़ी से आजाद होने को हमारा मन कसमसाने लगता है।
कोलंबस और वास्कोडिगामा की खोजी यात्राएँ हैं इन किताबों में। हमने तो कभी चलकर नापी नहीं ये पृथ्वी, लेकिन किताबें बताती हैं, कि पृथ्वी गोल है। ये पहाड़, नदी, समुद्र और वन, ये कैसे बने। धरती पर दिन और रात कैसे होते हैं, कैसे होती है बरसात और कैसे मौसम बदला करते हैं। और किताबें ये भी बताती हैं कि जिसने सबसे पहले कहा था कि धरती गोल है, उसे इस सत्य की कीमत अपने प्राण देकर चुकानी पड़ी थी। किताबों में उसका नाम कोपरनिकस और जर्दानो ब्रूनो लिखा है, जिसे कुछ लोगों ने जिंदा जला दिया था, क्योंकि उसमें सत्य बोलने का साहस था। उसने कहा था कि पृथ्वी नहीं, सूर्य है अंतरिक्ष का केंद्र, और हम सब सूर्य की परिक्रमा करते हैं। वह हँसते हुए चिता में जल गया, लेकिन सच से नहीं डिगा।
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