Hindi, asked by secondary7, 1 year ago

paragraph on Ram in hindi

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Answered by sami91
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राम (रामचन्द्र) प्राचीन भारत में अवतार रूपी भगवान के रूप में मान्य हैं। हिन्दू धर्म में राम विष्णु के दस अवतारों में से सातवें अवतार हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य श्री रामचरितमानस की रचना की है। इन दोनों के अतिरिक्त अनेक भारतीय भाषाओं में अनेक रामायणों की रचना हुई हैं, जो काफी प्रसिद्ध भी हैं। खास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूजनीय हैं और हिन्दुओं के आदर्श पुरुष हैं।
Answered by kaushikvidit007
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श्रीराम वैदिक संस्कृति और सभ्यता के आदर्श प्रतीक हैं . राम के जीवन में वैदिक संस्कृति का साकार रूप देखने को मिलता है. मानवीय मूल्यों से ओत-प्रोत जब हम विश्व के महापुरूषों के जीवन पर दृष्टिपात करते हैं तो राम का जीवन सर्वोपरि जान पड़ता है. आज हजारों वर्षों से राम का पावन चरित्र लाखों लोगों को प्रेरणा और मार्गदर्शन दे रहा है.

वाल्मीकि रामायण में  (( 3/37/13 ) मारीच रावण से राम के गुणों का वर्णन करते हुए कहता है – “रामो विग्रहवान धर्म: अर्थात श्रीराम धर्म के मूर्ति मान स्वरूप हैं. राम सत्य के आधार हैं और सत्य को सर्वस्व मानते हैं. सुमित्रा कहतीहैं है- “नहि रामात परो लोके विधते सत्पथ स्थित: (वाल्मीकि 2/44/26) श्रीराम से बढकर सन्मार्ग में स्थिर रहनेवाला मनुष्य संसार में दूसरा कोई नहीं है.

धर्मप्राण भारतीय जीवन दृष्टि, महान चरित्र और मानवीय आदर्श सबसे अधिक राम के जीवन में प्रत्यक्ष देखने को मिलता है. वाल्मीकि ने विभिन्न स्थलों पर राम को धर्मज्ञ:, धर्मस्य, परिरक्षक:, धर्मनित्य:, धर्मात्मा, धर्मवत्स्त्न:, धर्मभूतांवर: आदि शब्दों से संबोधित किया है.
श्रीराम को मर्यादा पुरूषोत्तम कहा जाता है क्योंकि बचपन से जीवन पर्यन्त राम के जीवन का कोई भी भाग देखें तो उनके जीवन में कहीं भी मर्यादा का उल्लंघन हुआ हो, ऐसा देखने को नहीं मिलता.

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