Hindi, asked by kavya5678, 11 months ago

paragraph on " sakcharta abyan "​

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Saksharta Abhiyan – का अर्थ है शिक्षा (लिखना –पढ़ना) से निरक्षता का अर्थ है अज्ञान। अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर वर्ष 8 सितम्बर को मनाया जाता है। विश्व संस्था यूनेस्को के द्वारा सन 1966 ई: में विश्वभर में निरक्षता को मिटाने के मकसद से यह अभियान शुरू किया गया। उस दिन यह संकल्प लिया गया के किसी भी देश में 1990 तक कोई भी निरक्षक नहीं रहेगा यह अभियान 1995 तक ऐसे देशों में चलाया गया जो इसमें पिछड़े हुए थे भारत का नाम भी इनमें आता है। यह दिवस विश्वभर में साक्षरता के लिए संदेश देता है। इसका उदेश्य लोगों तक ज्ञान पहुंचाना है क्योंकि निरक्षता अँधेरे के सामान है और साक्षरता प्रकाश के सामान अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए लोगों का साक्षरता होना बेहद जरूरी है क्योंकि एक अनपढ़ आदमी ख़ुद का भला नहीं सोच सकता तो भला वो राष्ट्र के विकास में क्या योगदान देगा।

हमारे देश में शिक्षा को लेकर समय -समय पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं जैसे सर्व शिक्षा अभियान , प्रौढ़ शिक्षा अभियान , मिड डे मील योजना और राजीव गांधी साक्षरता मिशन चलाए जा रहे हैं दिनभर दिन शिक्षा के लिए कड़े प्रयास किये जा रहे हैं। आज कल गाँव की छोरियां भी बड़े बड़े शहरों


Galagactus: mark me as brainliest
Answered by shailjarathore
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Saksharta Abhiyan – का अर्थ है शिक्षा (लिखना –पढ़ना) से निरक्षता का अर्थ है अज्ञान। अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर वर्ष 8 सितम्बर को मनाया जाता है। विश्व संस्था यूनेस्को के द्वारा सन 1966 ई: में विश्वभर में निरक्षता को मिटाने के मकसद से यह अभियान शुरू किया गया। उस दिन यह संकल्प लिया गया के किसी भी देश में 1990 तक कोई भी निरक्षक नहीं रहेगा यह अभियान 1995 तक ऐसे देशों में चलाया गया जो इसमें पिछड़े हुए थे भारत का नाम भी इनमें आता है। यह दिवस विश्वभर में साक्षरता के लिए संदेश देता है। इसका उदेश्य लोगों तक ज्ञान पहुंचाना है क्योंकि निरक्षता अँधेरे के सामान है और साक्षरता प्रकाश के सामान अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए लोगों का साक्षरता होना बेहद जरूरी है क्योंकि एक अनपढ़ आदमी ख़ुद का भला नहीं सोच सकता तो भला वो राष्ट्र के विकास में क्या योगदान देगा।

हमारे देश में शिक्षा को लेकर समय -समय पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं जैसे सर्व शिक्षा अभियान , प्रौढ़ शिक्षा अभियान , मिड डे मील योजना और राजीव गांधी साक्षरता मिशन चलाए जा रहे हैं दिनभर दिन शिक्षा के लिए कड़े प्रयास किये जा रहे हैं। आज कल गाँव की छोरियां भी बड़े बड़े शहरों में पढ़ने जाने लगी हैं क्योंकि एक शिक्षित महिला पूरे परिवार को शिक्षित बना सकती है। शिक्षा के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाई जा सकती है शिक्षा के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपयों की योजनाएं चलाई जाती हैं लेकिन नतीजा ज्यादा अच्छा नहीं मिल पाता


shailjarathore: plz mark it as brainliest
Galagactus: no my one is best
shailjarathore: okkkk
shailjarathore: koi mujhe nahi batayega ki Mera answer aacha hai yaa nahi
kavya5678: its nice
shailjarathore: tnx kavya
kavya5678: ur wlcm
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