India Languages, asked by feyman1317, 1 year ago

Paragraph on sanskrit bhasha mahatva in sanskrit with meaning

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Answered by ruchipatasariya
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सम्यक् परिष्कृतं शुद्धमर्थाद् दोषरहितं व्याकरणेन संस्कारितं वा यत्तदेव संस्कृतम्। एवञ्च सम्-उपसर्गपूर्वकात् कृधातोर्निष्पन्नोSयं शब्द संस्कृतभाषेति नाम्रा सम्बोध्यते। सैव देवभाषा गीर्वाणवाणी, देववाणी, अमरवाणी, गीर्वागित्यादिभिर्नामभिः कथ्यते। इयमेव भाषा सर्वासां भारतीयभाषाणां जननी, भारतीयसंस्कृतेः प्राणस्वरूपा, भारतीयधर्मदर्शनादिकानां प्रसारिका, सर्वास्वपि विश्वभाषासु प्राचीनतमा सर्वमान्या च मन्यते। अस्माकं समस्तमपि प्राचीनं साहित्यं संस्कृतभाषायामेव रचितमस्ति, समस्तमपि वैदिक साहित्यं रामायणं महाभारतं पुराणानि दर्शनग्रन्थाः स्मृतिग्रन्थाः काव्यानि नाटकानि गद्य-नीति-आख्यानग्रन्थाश्च अस्यामेव भाषायां लिखिताः प्राप्यन्ते। गणितं, ज्योतिषं, काव्यशास्त्रमायुर्वेदः, अर्थशास्त्रं राजनीतिशास्त्रं छन्दःशास्त्रं ज्ञान-विज्ञानं तत्वजातमस्यामेव संस्कृतभाषायां समुपलभ्यते। अनेन संस्कृतभाषायाः विपुलं गौरवं स्वमेव सिध्यति।

Anonymous: Hey how
Answered by Anonymous
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Answer:

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएं जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के समस्त यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होते हैं। भीम राव अम्बेडकर का मानना था कि संस्कृत पूरे भारत को भाषाई एकता के सूत्र में बांध सकने वाली इकलौती भाषा हो सकती है, अतः उन्होंने इसे देश की आधिकारिक भाषा बनाने का सुझाव दिया था।

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