paragraph on swachta shapath aur mera yogdan
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यूँ तो स्वच्छता की महान शुरूआत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को राज घाट से हुई। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत को गन्दगी से न केवल मुक्त करना है बल्कि समाज के उन बुरी आदतों का भी तिरष्कार करना है जो भारत को स्वच्छ होने से रोकने का प्रयास करे । स्वच्छ जल मुहैया कराना , हर परिवार को शौचालय मुहैया कराना , कूड़ेदान की व्यवस्था ,साफ जल घर - घर पहुँचाना आदि स्वच्छ भारत मिशन के तहत आता है।
स्वच्छता एक ऐसा शब्द है जिसके होने से हमारा प्रगति का मार्ग आसान हो जाता है । अगर ऐसा नही होता तो क्यों बड़े -बड़े विद्वानों ने कहा है " स्वच्छ शरीर में ही भगवान् का निवास होता है । अंग्रेजी में कहा गया है health is wealth यानि स्वास्थ्य ही धन है । यह शतप्रतिशत सही भी है । अगर आपका स्वास्थ्य ठीक नही है तो आपको अपने कार्यों में मन नही लगेगा आप बीमार हो जाएंगे , आर्थिक हानि होगी , शारीरिक रूप से भी कमजोर हो जायेंगे , परिणाम यह होगा की आप जीवन के दल-दल में फस जाएंगे और खुद को असहाय महसूस करेंगे । अतः स्वास्थ्य जीवन के सपलता की कुंजी है और स्वच्छता, स्वास्थ्य को बेहतर रखने हेतु आवश्यक है । इस प्रकार स्वच्छता हर प्रकार से जरूरी है।
स्वच्छता में हमारा योगदान - पुरे देश को स्वच्छ करना असंभव सा है । किंतु यदि प्रत्येक व्यक्ति स्वच्छता के प्रति अपना दायित्व समझे तो पूरे देश तो क्या आप पूरे ब्रम्हांड को साफ एवं स्वच्छ कर सकते हैं। अतः स्वच्छता में सबसे बड़ा योगदान आम जनता का होना आवश्यक है । हमें इस बातों को भलीभांति समझना चाहिए की केवल अपने घर को स्वच्छ रखने से आप स्वस्थ रहेंगे । अपितु अपने आस-पास के कुरे -कचरे को भी साफ करना हमारा दायित्व है । शिक्षित वर्ग इन बातों को समझते हैं , किन्तु इसका पालन करना चाहिए । अशिक्षित वर्गों को गंदगी से फैलने वाले बीमारियों के बारे में बताना चाहिए , उन्हें स्वच्छता की ओर जागरूक करना हमारा परम कर्तव्य है ।
अतः इन सभी बातों को ध्यान में रखकर हमने एक टीम बनाई , जो प्रत्येक सप्ताह नए - नए गाँव जाकर लोगो को स्वच्छता के प्रति जगरुक करती है , उन्हें साफ करने के तरीकों के बारे में बताती है , सफाई से होने वाले फायदे के बारे में बताते हैं , शौचालय का उपयोग करने हेतु प्रेरित करते हैं । हमने टीम को दो भागों में बाँटा है , पहला भाग लोगो को स्वच्छता के प्रति प्रेरित करते हैं और दूसरा सफाई करते व् करवाते है। हम महिलाओं से मिल उन्हें खुले में शौच न जाये बल्कि शौचालय का ही उपयोग करे , एवं उनके फायदे बताते हैं । वैसे कही जगह हमें तखलिफों का सामना करना पड़ा है जैसे - लोगो का अपना आस - पास को साफ करने के लिए प्रेरित न होना आदि । किन्तु हमारे प्रयास विफल नही हुए हैं , हमने अपने आस - पास के के गाँवो को स्वच्छता के प्रति जागरूक देखा है और उम्मीद है आगे भी और बहुत सारे गाँव हमारे बातों को समझेंगे । भारत स्वच्छ होगा यह तो अब सपना सा नही लगता क्योंकि हमने सफलता के उड़ान को महसूस किया है अपने अभियान में , अपने गाँवो में।