Paragraph on Swatantrata Ek Vardan ya abhishap in 300 words in hindi
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स्वतंत्रता एक वरदान या अभिशाप
एक हिसाब से देखा जाए तो स्वतंत्रता एक वरदान या अभिशाप दोनों ही है | हम सब पर निर्भर करता है हम कैसे अपना जीवन व्यतीत करते है | स्वतंत्रता सब के लिए ही आवश्यक होती है चाहे फिर वह कोई भी हो, अपने जीवन में आज़ादी सब को ही पसंद है। परंतु यह स्वतंत्रता अगर कुछ हद तक ही सीमित रहे तो ही अच्छी रहती है, अगर अपनी सीमा को पार कर दे तो वह स्वतंत्रता भी अभिशाप बन जाती है। हर प्रकार की स्वतंत्रता की सीमा होती है और वह स्वतंत्रता उस सीमा के बाद अभिशाप होती है। यह बात तो सब को ही पता है की हद से ज़्यादा कोई भी चीज़ लाभदायक नहीं होती और वह नुकसानदायक होती है, यही बात स्वतंत्रता पर भी लागू होती है। अगर स्वतंत्रता भी अधिक मिल जाए तो वह वरदान की जगह एक अभिशाप बन जाती है।
स्वतंत्रता एक वरदान
स्वतंत्रता एक वरदान इसलिए है ताकी मनुष्य अपनी आज़ादी से अपना जीवन अपनी मर्जी से जी सके | वह किसी का गुलाम बन कर न रहे | उसका जो मन आए वह करें | अपना जीवन हंसी खुशी के साथ व्यतीत करें | मनुष्य को सभी अधिकार हो अपनी मर्जी से घूमें , खाए आदि | स्वतंत्रता एक दायरे के अंदर हो तो यह एक वरदान है |
स्वतंत्रता एक अभिशाप
स्वतंत्रता एक अभिशाप इसलिए है जब मनुष्य अपने दायरे से बहार हो जाता है और स्वतंत्रता के नाम गलत काम करने लग जाता है और सब को नुकसान पहुंचता है , तब यह एक अभिशाप है | बच्चे ही माता-पिता की स्वतंत्रता का गलत फायदा लेकर गलत काम करते है स्कूल नहीं जाते , नशा करते है गलत का काम करते उन्हें कुछ बोलो तो बड़ो को ही जवाब देते है |
स्वतंत्रता का एक वरदान या अभिशाप होना हम पर निर्भर करता है|