Hindi, asked by Guptaneetu2309, 4 months ago

paragraph on the topic (holi mela) in hindi

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Answered by sneha5936
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Answer:

यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा उत्साह और उत्साह के साथ होली मनाई जाती है। ... होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है क्योंकि लोग रंगों के साथ खेलते हैं और त्योहार के सार में रंग पाने के लिए उन्हें एक-दूसरे के चेहरे पर लगाते हैं।

Answered by pratyush15899
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\huge\red{\mid{\fbox{\tt{Answer}}\mid}}

\Large\bf\tt\pink{ \:  \:  \:  \:  \: ♡\underline{होली}♡}

\bold\red ✑ होली का पर्व हिन्दुओं के द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। लेकिन यह एक ऐसा पर्व है जिसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। 

\bold\red ✑ वैसे तो होली का त्यौहार बसंत ऋतू के आगमन से ही शुरू हो जाता है होली का मुख्य त्यौहार दो दिनों मनाया जाता है पहले दिन जिसे होलिकादहन के नाम से जानते है और फिर होलिकादहन के पश्चात अगले दिन सुबह से ही होली के त्यौहार की शुरुआत हो जाती है | होली मनाने की कहानी हिरण कश्यप पहलाद और भगवान श्री विष्णु जी पर आधारित है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत है साथ ही होली अनके ता में एकता का प्रतीक है।

\bold\red ✑ इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वे एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठाते हैं।मथुरा वृन्दावन की होली बहुत ही प्रसिद्ध है और उसे लठमार होली कहते हैं।

\bold\red ✑ इस पर्व के संबंध में ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी दुश्मनी, कटुता को भूला कर एक-दूसरे के गले मिलते हैं और मिठाइयों के साथ उत्साहपूर्वक इस त्योहार को मनाते हैं। होली से रंगपंचमी तक इस त्योहार का आनंद और उत्साह सभी जगह देखने को मिलता है।

\Large\tt\pink{❁\underline{More}❁}

  \tt \large\purple{होली \:  मनाने  \: की   \: पौराणिक  \: कहानी} \\ \large\green{ \:  होली \:  क्यू \:  मनाया  \: जाता  \: है - }

\bold\red ❀ होली का त्यौहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास है। प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम के एक असुर हुआ करता था। उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था। हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था।

हिरण्यकश्यप के एक पुत्र थे जिसका नाम प्रह्लाद था।

\bold\red ✮ वे भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु के विरोधी था। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु की भक्ति करने से बहुत रोका। लेकिन प्रह्लाद ने उनकी एक भी बात नहीं सुनी। इससे नाराज़ होकर हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को जान से मारने का प्रयास किया।

\bold\red ✮ इसके लिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान मिला हुआ था। उसके बाद होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में बैठ गई लेकिन जिस पर विष्णु की कृपा हो उसे क्या हो सकता है और प्रह्लाद आग में सुरक्षित बचे रहे जबकि होलिका उस आग में जल कर भस्म हो गई।

\bold\red ✮ यह कहानी ये बताती है कि बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी सभी लोग लकड़ी, घास और गोबर के ढ़ेर को रात में जलाकर होलिका दहन करते हैं और उसके अगले दिन सब लोग एक दूसरे को गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालकर होली खेलते हैं।

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