paragraph on विद्याथी और अनुसासन in 80-100 word
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जीवन के सभी क्षेत्रों में अनुशासन की ज़रूरत है। चाहे वह स्कूल हो , दफ्तर या युद्धभूमि अनुशासन के बैगर कहीं भी काम नहीं चल सकता है । अनुशासन के कारण ही नेपोलियन विश्व की बड़ी शक्तियों को हारने में कामयाब हुआ था। यदि स्कूल , समाज , परिवार सभी स्थानों में लोग अनुशासन का पालन करेंगे तब अपने कर्त्तव्य को अच्छी तरह से समझ पाएंगे। तब कार्य में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। नियम तोड़ने से ही अनुशासनहीनता बढ़ती है तथा स्कूल , समाज में अव्यस्था उत्पन्न हो जाती है।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व है। इससे विद्यार्थी ना केवल एक सफल विद्यार्थी बनते है बल्कि आगे चलकर एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपना कार्य करते है। जितनी शिक्षा विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है , उतना ही अनुशासन ज़रूरी होता है। बच्चे को अनुशासन की आरंभिक शिक्षा घर से प्राप्त होती है। अभिभावकों को बच्चो को शुरुआत से अनुशासन का महत्व समझाना चाहिए। जैसे बच्चा जब पेंसिल पकड़ना सीखता है , उस वक़्त हम अक्षरों को सही ढंग से लिखना सिखाते है , वरना वह गलत मार्ग पर जा सकता है। ठीक वैसे ही , अनुशासन से विद्यार्थी अपने जीवन के लक्ष्य तक पहुँच सकता है। हर चीज़ समय पर करना और सही तरीके से करना , अनुशासन कहलाता है। सही तरीको को अपनाने के लिए सही नियमो का अनुकरण करना अनिवार्य है।