परखनली शिशु, सामान्य शिशु से किस प्रकार भिन्न है? समझाइये।
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¿ परखनली शिशु, सामान्य शिशु से किस प्रकार भिन्न है? समझाइये।
✎... परखनली शिशु सामान्य शिशु से इस प्रकार भिन्न होता है, जहाँ सामान्य शिशु का विकासर पूरी तरह एक प्राकृतिक प्रकिया है, वहीं परखनली शिशु का विकास मानव शरीर के अंदर पूरी तरह नहीं किया जाता, इसमें आधी प्रक्रिया कृत्रिम रूप से बाहर की जाती है। परखनली शिशु के विकास के लिये पुरुष के शुक्राणु और स्त्री के अंडाणु लेकर उन्हें बाहर प्रयोगशाला में विट्रो निषेचन कराया जाता है और उसके पश्चात जो भ्रूण विकसित होता है, उसे स्त्री के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। स्त्री के गर्भ में गर्भ काल की अवधि पूरे होने पर वह सामान्य शिशु की तरह जन्म लेता है।
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