Parali jalane se utpann vayu pradushan ke Prati Chinta vyakt karte hue Apne Mitra ko ek Patra likhiye
Answers
Explanation:
733-ए , सेक्टर - डी 1 ,
एल०डी०ए० कालोनी ,
लखनऊ।
25 मई 2020
प्रिय सहेली ,
नमस्ते। आशा है कि तुम सकुशल होगी।
मैं आज थोड़ी चिंता में थी, तो मैंने सोचा की तुम्हारे समक्ष अपनी चिंता प्रकट करूं । तुम तो जानती ही हो कि पराली जलाने से कितना प्रदूषण उत्पन्न होता है। एक नाड़ अथवा पराली जलाने पर हवा में 3 किलो कार्बन कण , 60 किलो कार्बन मोनोऑक्साइड , 15,100 किलो कार्बन डाइऑक्साइड , 200 किलो राख और 2 किलो सल्फर डाइऑक्साइड फैलते हैं । इससे लोगों की त्वचा एवं सांस संबंधी तकलीफ बढ़ जाती हैं।
पराली जलने से वातावरण में इतना ज्यादा मात्रा में ज़हर घुल जाता है यह तो तुम्हें पता चल गया। अब हमें सरकार से याचना पत्र के द्वारा यह प्रस्ताव रखना चाहिए कि पराली जलने पर रोक हो , जिससे वातावरण का प्रदूषण कम हो सके।
आशा है कि तुम इस पत्र के उत्तर में अपने विचारों के साथ पत्र अवश्य भेजोगी ।
चाचा-चाची जी को चरण वंदना।
छोटे नमन को इसने।
धन्यवाद।
तुम्हारी आज्ञाकारी सखी
मेघा।