परम्परागत जीवन शैली की विशेषताएँ लिखिए।
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paramparagat jivan shaili Ki visheshtaen hai jaise ki vah hamare jivan ke vigyan se Judi Hui hai
परंपरागत जीवन शैली की विशेषताएं —
जब मनुष्य परंपरागत जीवन शैली जीता था तो वह प्रकृति के अधिक नजदीक था। वह प्राकृतिक रूप से अपने जीवन को जीता था। उसका खानपान प्राकृतिक और शुद्ध होता था। शुद्ध हवा, शुद्ध भोजन, शुद्ध जल का कोई अभाव नही था। उसकी जीवन की आवश्यकताएं भी कम होती थी और वह व्यावहारिक रूप से प्रकृति के बीच सीखता हुआ बड़ा होता था। वह पूर्ण भौतिकवादी ना होकर आध्यात्मिकता का भी महत्व जानता था और उसके जीवन में अध्यात्मिकता का भी स्थान होता था।
परिवार में संस्कार होते थे और वैदिक संस्कृति का पालन करते हुए अपने जीवन का निर्वाह करता था। वह वैदिक संस्कृति में वर्णित जीवन के चारो आश्रम व्यवस्थाओं का पूर्ण रुप से पालन करता था। कठोर शारीरिक श्रम करता था और अन्य उपयोगी शारीरिक गतिविधियां करता रहता था जिससे उसका शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रहता था। आध्यात्मिकता को अपनाकर वह अपना मानसिक भी करता रहता था। इस तरह वह अपनी आयु को पूर्ण करते एक स्वस्थ एवं निरोगी जीवन जीता था।