परमेश्वर आपसे दास कौन Marathi
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Answer:
परमेश्वर से प्यार करने का क्या मतलब है?
हम परमेश्वर के प्यार में कैसे बने रह सकते हैं?
जो यहोवा के प्यार में बने रहते हैं उन्हें वह कैसे इनाम देगा?
एक आदमी तूफान में हिफाज़त पाने की जगह ढूँढ़ते हुए
क्या आप मुसीबतों के तूफान में यहोवा की पनाह लेंगे?
1, 2. आज हमें पनाह कहाँ मिल सकती है?
मान लीजिए आप सड़क पर चले जा रहे हैं। मौसम देखकर लगता है कि तूफान आनेवाला है। फिर देखते-ही-देखते आसमान में काली घटाएँ छाने लगती हैं। बिजलियाँ कड़कने लगती हैं और बादलों की तेज़ गर्जन से कान फटने लगते हैं। और फिर मूसलाधार बारिश होने लगती है। आप यहाँ-वहाँ भागते हैं और सिर छिपाने की जगह ढूँढ़ते हैं। तभी आपको सड़क के किनारे एक घर नज़र आता है। यह एक मज़बूत मकान है, जिसमें पनाह लेकर आप तूफान से बच सकते हैं। इस मकान से मिलनेवाली हिफाज़त के लिए आप कितने एहसानमंद होंगे!
2 आज हम भी मुसीबतों के तूफान में घिरे हुए हैं। दुनिया के हालात बद-से-बदतर होते जा रहे हैं। मगर हमारे लिए भी एक पनाह मौजूद है, जिसकी हिफाज़त में रहने से हमें ऐसा कोई नुकसान नहीं होगा, जिसकी भरपाई न की जा सके। वह पनाह क्या है? गौर कीजिए कि बाइबल क्या सिखाती है: “मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा।”—भजन 91:2.
3. हम यहोवा की पनाह में कैसे आ सकते हैं?
3 यह क्या ही हैरतअँगेज़ बात है कि पूरे जहान को बनानेवाला, महाराजाधिराज यहोवा हमें पनाह दे सकता है! हम उसकी पनाह में सही-सलामत रह सकते हैं, क्योंकि वह ऐसे हर प्राणी और ऐसी हर चीज़ से कहीं ज़्यादा ताकतवर है, जो हमें नुकसान पहुँचा सकती है। चाहे हमारे साथ कितनी ही बुराई क्यों न हुई हो और हमने कितने ही गम क्यों न झेले हों, यहोवा हमारे हर घाव को भर सकता है और उसके हर बुरे अंजाम को मिटा सकता है। हम यहोवा की पनाह में कैसे आ सकते हैं? हमें उस पर पूरा भरोसा रखना होगा। यही नहीं, परमेश्वर का वचन हमसे गुज़ारिश करता है: “अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो।” (यहूदा 21) जी हाँ, हमें परमेश्वर के प्रेम में बने रहना होगा, यानी अपने स्वर्गीय पिता के साथ प्यार का एक मज़बूत रिश्ता कायम रखना होगा। तभी हम पक्का यकीन रख सकते हैं कि यहोवा हमारा शरणस्थान है। मगर हम यह रिश्ता कैसे कायम कर सकते हैं?