परमेश्वर भेदभाव करत नाही हा विचारा भागांच्या आजारात पटवून द्या
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ईसवी सन् 36 का साल है। पतझड़ का मौसम है। पतरस बंदरगाह शहर याफा में है। वह समुंदर किनारे एक घर की खुली, सपाट छत पर दोपहर के वक्त प्रार्थना कर रहा है। वह कुछ दिनों से इस घर में मेहमान है। घर का मालिक शमौन, चमड़े का व्यापारी है। बहुत कम यहूदियों को चमड़े का काम करनेवालों के घर ठहरना गवारा होगा।* पतरस ने इस घर में रुककर ज़ाहिर किया है कि उसके दिल में कोई भेदभाव नहीं है। वह जानता है कि यहोवा परमेश्वर पक्षपात नहीं करता और उसकी नज़र में हर इंसान बराबर है। फिर भी उसे परमेश्वर के इस गुण के बारे में बहुत जल्द एक अहम सीख मिलनेवाली है।
2 प्रार्थना करते-करते पतरस पर बेसुधी छा जाती है और वह एक दर्शन देखता है। दर्शन में वह ऐसी चीज़ें देखता है जो किसी भी यहूदी को परेशान कर सकती हैं। वह देखता है कि आकाश से एक किस्म का पात्र नीचे उतर रहा है जो दिखने में बड़ी चादर जैसा है। उसमें ऐसे कई जानवर भरे पड़े हैं जो मूसा के कानून के मुताबिक अशुद्ध हैं। फिर एक आवाज़ पतरस से कहती है कि इन जानवरों को हलाल करके खा। मगर पतरस कहता है: “मैंने कभी कोई दूषित और अशुद्ध चीज़ नहीं खायी है।” ऐसा तीन बार होता है और हर बार वह आवाज़ पतरस से कहती है: “तू उन चीज़ों को दूषित कहना बंद कर जिन्हें परमेश्वर ने शुद्ध किया है।” (प्रेषि. 10:14-16) दर्शन देखकर पतरस बड़ी उलझन में है। लेकिन जल्द ही यह गुत्थी सुलझनेवाली है।
3 पतरस के इस दर्शन का क्या मतलब है? इसे समझना हमारे लिए बेहद ज़रूरी है, क्योंकि यह दर्शन एक गहरी सच्चाई को उजागर करता है। यह बहुत दमदार तरीके से दिखाता है कि यहोवा इंसानों को किस नज़र से देखता है। यहोवा का यह नज़रिया अपनाना हम सच्चे मसीहियों के लिए निहायत ज़रूरी है, वरना हम परमेश्वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही नहीं दे पाएँगे। पतरस के दर्शन की गुत्थी सुलझाने के लिए आइए गौर करें कि दर्शन से पहले और उसके बाद कौन-सी रोमांचक घटनाएँ घटीं।
In Hindi
परमेश्वर भेदभाव करत नाही हा विचारा भागांच्या आजारात पटवून द्या
In English
Ask the Lord not to discriminate
Never