परमात्मा से यही प्रार्थना है कि वह आपको सदैव वही नदी किनारे वाला बेमुरौवत,उद्दंड, किन्तु धर्मनिष्ठ दारोगा बनाए रखे’- यह कथन किसका और किसके प्रति है?
पंडित अलोपीदीन का मुंशी वंशीधर के प्रति
पंडित अलोपीदीन का मुंशी वंशीधर के पिता के प्रति
मुंशी वंशीधर का पंडित अलोपीदीनके प्रति
पंडित अलोपीदीन का बदलू सिंह के प्रति
Answers
सही जवाब है...
► पंडित अलोपीदीन का मुंशी वंशीधर के प्रति
स्पष्टीकरण:
यह कथन पंडित अलोपीदीन द्वारा मुंशी वंशीधर के प्रति कहा गया है। यह कथन कहानी के एकदम अंतिम हिस्से में कहा गया है, जब दरोगा मुंशी वंशीधर के प्रति अपराधबोध से ग्रस्त होकर पंडित अलोपदीन मुंशी वंशीधर के पास जाते हैं और मुंशी वंशीधर के सामने अपने व्यापार में मैनेजर बनने का प्रस्ताव रखते हैं। मुंशी वंशीधर पहले तो ना-नुकर करते हैं, तब और अलोपदीन उनसे अनुनय-विनय करते हैं और उपरोक्त कथन को कहते हैं। अंततः मुंशी वंशीधर उनका आमंत्रण स्वीकार कर लेते हैं और मैनेजरी के कागज पर हस्ताक्षर कर देते हैं और कहानी का समापन हो जाता है।
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