२) पररच्छेि मेंआए िो महुावरे
३) श्रीमती भटनागर केमलए भेजी गई वस्तू
४) पमुलस परेशान होनेका कारण
५) स्वमत अशभव्यक्ती (२)
पररवार केककसी व्यल्क्त केअचानक गमु हो जानेपर घर केलोगों की बेचैनी केबारेमेंअपनेववचार मलखखए।
प्रश्न१: २) ननम्नशिखित अपदित गद्यांि पढ़कर सचू नाओंकेआधार पर कृनतयााँकीजिए।
मनष्ुय सखु केपीछेलगा रहता है। सखु पानेकी ,खुश बननेकी वह जीवन भर कोमशश करता है। जीवन में
आवश्यकताओंकी पनूतफकेबाि उसेसखु ममलता है।उत्सव केदिनों मेंभी उसेसखु ममलता है। जीवन में
आवश्यकताओंका तााँता लगा रहता है।एक की पनूतफकेबाि िसू री सामनेआती है।इसीमलए पनूतफकेबाि ममलनेवाला
सखु अधधक समय तक नहींरहता।
उत्सव मेंहम ककसी आवश्यकता का अनभु व नहींकरते। हम सारेकाम - काज छोड बैठतेहैं। खुमशयााँमनातेहैं
। मेहमानों सेममलतेहैं। खातेहैं। खखलातेहैं। अपनी धच ंताएाँभलू जातेहैं। के वल अपनेमनष्ुयपन को ख्याल मेंरखते
हैं। स्वाथफको मन मेंनहींलाते। िो दिनों केमलए एक अलग िनुनया बसातेहैंऔर उसी मेंखो जातेहैं। बबना कारण
घमू तेहैं। व्यथफमेंखचफकरतेहैं।कर्र भी हम खुश रहतेहैं। येदिन हमेंसांसाररक बंधन और धच ंताओंसेिरू खुशी की
िनुनया मेंलेजातेहैं।उत्सव का सखु टॉननक जैसा है।
कृनत : आकृनत पणू णकीजिए। (२)
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Hiii what is your name and how are you
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