Hindi, asked by kumarayan507, 7 months ago

परशुराम अपने फरसे के बारे में क्या कहते हैं? उनके कथन से उनके स्वभाव se कस वशेषता का पता चलता है -_-

Answers

Answered by subrat1868
5

Answer:

उन्होंने कहा है कि यह फंसा मुझे शिव ने भेंट किया था

Answered by hemantsuts012
1

Answer:

Concept:

राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद में गोस्वामी तुलसीदास के अनुसार भगवान श्री परशुराम जी को अपनी शस्त्र विद्या पर अति विश्वास था। फरसा उनका प्रिय शस्त्र था। जिसके पैनेपन पर उन्हें गर्व था, वो कहते हैं कि उनका फरसा इतना भयानक है कि इसकी भयानक गर्जना से स्त्री के गर्भ में स्थित बालक भी मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं और इस फरसे से मैंने हजारों सिरों को धड़ से अलग कर दिया है।

Find:

परशुराम अपने फरसे के बारे में क्या कहते हैं? उनके कथन से उनके स्वभाव से कस विशेषता का पता चलता है

Given:

परशुराम अपने फरसे के बारे में क्या कहते हैं? उनके कथन से उनके स्वभाव से कस विशेषता का पता चलता है

Explanation:

परशुराम ने अपने विषय में कहा था कि वे बाल ब्रह्मचारी थे। वे स्वभाव के अति क्रोधी थे। सारा संसार जानता था कि वे क्षत्रिय वंश के प्रति द्रोही थे। उन्होंने पृथ्वी से क्षत्रिय राजाओं को समाप्त कर देने की प्रतिज्ञा कर रखी थी । उन्होंने न जाने कितनी बार अपने बाहुबल से इस पृथ्वी के क्षत्रिय राजाओं का वध कर ब्राहमणों को उनके राज्य सौंप दिए थे। वह तो सहस्रबाहु जैसे अपार बलशाली की भुजाओं की काट देने वाले पराक्रमी वीर थे। उन्होंने अपने फरसे से लक्ष्मण को डराने के लिए कहा था कि अरे राजा के बालक! तू मेरे द्वारा मारा जाएगा। क्यों अपने माता-पिता चिंता में डालता है। वे मानते थे कि उनका फरसा बड़ा भयानक था जो गर्भ मे ही बच्चों का नाश कर देने वाला था। गुस्सा आने पर वे छोटे-बड़े में कोई अंतर नहीं करते थे और किसी का भी वध कर देते थे।

#SPJ2

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