परशुराम जी ने सभा को संबोधित करते हुए श्री राम से क्या कहा
Answers
Answered by
0
|||||||||||||||||||||
Attachments:
Answered by
0
Answer:
हे प्रभु ! मेरा अवतार कार्य समाप्त हो गया है । अब आप अपनी लीलाओं से इस धरा को मधुमय कर दीजिए ।
Explanation :-
जब भगवान श्री राम ने सीता स्वयंवर सभा में आकर शिवधनुष को तोड़ दिया , तब उसकी आवाज़ सुनकर भगवान परशुराम जी की तपस्या टूट गई और वह अत्यंत क्रोध में भरकर जनकपुरी की ओर चल पड़े । जैसे ही वह राजभवन पहुंचे , वैसे ही सबको डराते हुए बोले : - " कौन है वह दुष्ट , जिसे अपने पराक्रम और शक्ति पर बड़ा अभिमान है तथा जिसने , मेरे इष्ट देव महादेव का धनुष तोड़ दिया ? मैं उसका सर्वनाश कर दूंगा ! " तभी प्रभु श्री राम ने विनम्रता पूर्वक कहा :- "हे मुनीवर ! मैंने ही यह धनुष तोड़ा है ।" तब परशुराम जी ने कहा :- " ठीक है ! अगर तुमने यह विष्णु धनुष तोड़ दिया , तो मैं तुम्हारी बात पर विश्वास कर लूंगा । " तभी प्रभु श्री राम ने एक झटके में ही धनुष के टुकड़े टुकड़े कर दिए । यह देख परशुराम जी समझ गए कि श्रीराम ही परमब्रह्म परमात्मा श्री महाविष्णु हैं और उनके पैरों पर गिर कर बोले :- हे प्रभु ! मेरा अवतार कार्य समाप्त हो गया है । अब आप अपनी लीलाओं से इस धरा को मधुमय कर दीजिए तथा मुझे आज्ञा दीजिए । तब परशुराम जी श्रीराम जी की आज्ञा से अपने स्थान को लॉट गए ।
Hope it helps !
MARK ME AS BRAINLIEST ! ️
Similar questions